हरिद्वार। कुम्भनगरी हरिद्वार धार्मिक स्थल होने के कारण यहां यूं तो 12 माह चहल-पहल रहती है, वहीं इस बार अर्द्धकुम्भ होेनें से यह दुल्हन की तरह सजी है।
शाम के समय गंगा जी की आरती जहां लोगों को आकृष्ठ करती हैं, वहीं रात्रि में लाईटों से सजी कुम्भनगरी की अनूठी छटा विशेष आकर्षण है। मेलाधिकारी मुरूगेशन ने बताया कि संध्याकाल को और भी रमणीक बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लोक गायक-गायिकाओं द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही हैं।
उन्होेनें बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला के अन्र्तगत सांस्कृतिक पण्डाल पंतद्वीप में प्रत्येक शामसाढे छह बजे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
इस क्रम में 12 मार्च 2016 को लोक गायिका बसन्ती बिष्ट एवं साथियों द्वारा मांगल-जागर गायन, भातखण्डे संगीत विद्यालय देहरादून के छात्र-छात्राओं की शिवस्तुति प्रस्तुति, पण्डित छन्नूलाल मिश्र द्वारा भजन गायन होगा।
इसी तरह 13 मार्च 2016 को गुलाब राय हरिद्वार द्वारा गायन, लोक गायिका माया उपाध्याय एवं साथियों द्वारा उत्तराखण्ड के लोक गीत एवं लोक नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति, एवं लोक गायक पप्पू कार्की की प्रस्तुति तथा 14 मार्च को उत्तराखण्ड के लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा संगीत संध्या में समा बांधा जाएगा।
मेलाधिकारी एस.ए. मुरूगेशन ने बताया कि अर्द्धकुम्भ के अन्र्तगत सांस्कृतिक पण्डाल पंतद्वीप में एक भव्य एवं आकर्षक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है, जो 30 मार्च 2016 तक सुबह से ही जन साधारण के लिए खुली हुई है।
प्रदर्शनी में मुख्य आकर्षण उत्तराखण्ड के उत्पाद माल्टा, बुरांश, नींबू, लीची, जैम जैली, आचार, मुरब्बा के अलावा मंडवा का आटा व पहाडी दालें भी उचित दामों पर विक्रय हेतु उपलब्ध हैं।
इस प्रदर्शनी में उत्तराखण्ड के अनेक स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित नमकीन, पापड, सोयाबीन बडी, मूंग बडी, दरी, कालीन, पायदान, काॅटन के लेडिज सूट व कुर्ती, आयुर्वेदिक दवाईया, जूट बैग, पर्स, हर्बल साबुन-क्रीम, फैशवास आदि उपलब्ध हैं।
प्रदर्शनी पण्डाल में विभिन्न विभागों द्वारा भी अपने अपने विभागों की उपलब्धियों को दर्शाने वाले स्टाॅल लगाए गए हैं।
मेलाधिकारी एस.ए. मुरूगेशन ने सभी देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं स्थानीय जनता से इन सभी आयोजनों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का अनुरोध किया है।