देहरादून/नई दिल्ली। चीनी सैनिकों ने पिछले मंगलवार 19 जुलाई को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में घुसपैठ की थी और उन्हें वहां शिविर डालते हुए देखा गया था।
उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड में चीन के घुस आने की पुष्टि की है। बुधवार को उन्होंने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि चीनी वहां के चमौली जिले में स्थित बड़ाहोती बॉर्डर में घुस गए थे।
हरीश रावत ने इस मामले में जल्द से जल्द केंद्र सरकार की मदद मांगी है। हरीश रावत ने कहा कि वैसे तो उनका बॉर्डर शांत रहा है फिर भी वहां सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि(MHA) की तरफ से घुसपैठ की जानकारी गृह मंत्रालय को पहले ही दे दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, इसकी रिपोर्ट 19 जुलाई को भेजी गई थी।
सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि चीनी सैनिकों ने एक भारतीय दल को, जो चमोली ज़िले के बाराहोती क्षेत्र का निरीक्षण करने गया था, यह कह कर वहां से जाने को कहा था कि यह उनका इलाक़ा है।
भारतीय दल का नेतृत्व चमोली ज़िला अधीक्षक कर रहे थे और इसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी ) के कुछ अधिकारी भी थे। इसके अतिरिक्त एक चीनी हेलीकाप्टर ने भी भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन किया था। पांच मिनट तक भारतीय वायु सीमा के भीतर रहकर यह हेलीकाप्टर वापस अपने देश की वायु सीमा में चला गया था।
देहरादून से आने वाले समाचारों के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की और चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार इस विषय को गंभीरता से लेगी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा आईटीबीपी को इस विषय में विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार इस विषय में एक रिपोर्ट मंगाएगी। चीन के साथ उत्तराखंड की सीमा लगभग 350 किलोमीटर है।
भारतीय सीमा में चीन की यह पहली घुसपैठ नहीं है। चीनी सैनिक समय समय पर अरुणाचल प्रदेश और लदाख के कुछ क्षेत्रों में भारतीय सीमा का उल्लंघन करते रहे हैं। उत्तराखंड में भी समय समय पर चीनी घुसपैठ हुई है।
वर्ष 2013 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बाराहोती में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया था। वर्ष 2014 में भी चीनी सैनिकों ने बाराहोती में घुसपैठ की थी।