चंडीगढ़/नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के एक बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है जिसे कांग्रेस ने अंसैवधानिक और भारत के लिए दुखद दिन बताया। खट्टर ने कथित रूप से कहा था कि मुस्लिम देश में रह सकते हैं किन्तु उन्हें गोमांस खाना छोडऩा पड़ेगा।
इस टिप्पणी की भत्र्सना होने पर भाजपा ने खट्टर के मत से अपने को अलग कर लिया एवं उसे गलत बताया। भाजपा ने कहा कि यह पार्टी का रुख नहीं है जबकि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
खट्टर ने इस मामले में भरपाई का प्रयास करते हुए कहा कि उनके शब्दों को तोड़ मरोड़ के पेश किया गया है यदि इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह खेद जताने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़ा मरोड़ा गया। मैंने इस प्रकार का कोई बयान नहीं दिया। किन्तु यदि मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं खेद जताने को तैयार हूं। मुख्यमंत्री के सलाहकार जवाहर यादव ने कहा कि अंगे्रजी दैनिक इंडियन एक्सपे्रस को दिए साक्षात्कार में खट्टर ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस प्रकार का कोई बयान देने से स्वयं इंकार किया है। एक अखबार में जो प्रकाशित हुआ, वह उन्होंने नहीं कहा है। बाद में समाचारपत्र ने खट्टर के साक्षात्कार का वह आडियो टेप जारी किया जिसमें उन्हें विवादास्पद बयान देते हुए सुना जा सकता है।
समाचारपत्र को दिए साक्षात्कार खट्टर ने कहा था कि मुस्लिम इस देश में रह सकते हैं किन्तु उन्हें गोमांस खाना छोडऩा होगा क्योंकि गाय यहां आस्था का विषय है।
दादरी घटना को लेकर कुछ भाजपा नेताओं के विवादास्पद बयानों के कुछ ही समय बाद आए खट्टर के इस कथित बयान का विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया है। कांगे्रस के प्रवक्ता सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र के लिए दुखद दिन। मुख्यमंत्री खट्टरजी अब भारतीय नागरिकता की योग्यताएं तय करेंगे। क्या मोदी के शासन का यह नया माडल है।
जदयू प्रमुख शरद यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसके नेता मुस्लिमों पर कटाक्ष करते रहते हैं और उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए कहते हैं लेकिन वे पूर्वोत्तर के लोगों के लिए क्या करेंगे जो गोमांस खाते हैं। उन्हें समझना होगा कि भारत यूरोप या चीन नहीं है। यह एक विविधता वाला देश है।
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि खट्टर द्वारा व्यक्त किए गए विचार पार्टी के नहीं हैं। मैं उनसे बात करूंगा और उन्हें सलाह दूंगा। उनके लिए ऐसा कहना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी की खाने की आदत को धर्म से जोडऩा उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह भाजपा का रुख नहीं है। खाने की आदत को धर्म से जोडऩा उचित नहीं है। लोगों को दूसरों की भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए तथा भोजन व्यक्ति की निजी पसंद है।