हिसार। हरियाणा सरकार दिन पर दिन भारी कर्जे में डूबती जा रही है। बीजेपी ने अपने पहले 12 महीने के कार्यकाल में सरकार चलाने के लिए 17 हजार 150 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 के समापन पर सरकार लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की कर्जदार हो जाएगी यानी हरियाणा के प्रत्येक नागरिक पर 40 हजार रूपए कर्ज है।
सूचना का अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार के सभी प्रमुख विभागों ने अपने आप को चलाने के लिए नवंबर 2014 से नवंबर 2015 तक भारी कर्ज लिया।
आरटीआई कार्यकर्ता अभय जैन ने एक विज्ञप्ति में बताया कि नवंबर 2014 से नवंबर 2015 तक भसचाई एवं जल विभाग ने लगभग 1 अरब 49 करोड़ रुपए, पीडब्ल्यूडी (बी एड आर) विभाग ने लगभग 1 अरब 89 करोड़ रुपए, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने लगभग 65 करोड़ रुपए, महिला व बाल विकास ने लगभग 28 करोड़ रुपए, हरियाणा हाउसिंग बोर्ड ने लगभग 1 अरब 80 करोड़ रुपए, हरियाणा बिजली विभाग ने लगभग 1 अरब 56 करोड़ रुपए, हरियाणा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग ने लगभग 11 करोड़ रुपए कर्ज अपने विभागों को चलाने के लिए लिया है।
सिंचाई और जल विभाग, पीडब्ल्यूडी (बी एड आर) जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग ने कुल 432 करोड़ 76 लाख रुपए नाबार्ड से कर्ज लिया हैं1
हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग विभागों ने राष्ट्रीय विकलांग, पिछड़ा वर्ग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति विभागों से लगभग 11 करोड़ रुपए कर्ज लिया है। हरियाणा विद्युत विभाग ने लगभग 1 अरब 56 करोड़ रुपए इस कार्य अवधि के दौरान इंटरनेशल बैंक फॉर रिकस्ट्रक्शन एड डेवलपमेंट से कर्ज लिया है।
हरियाणा हाउसिग बोर्ड ने इस अवधि के दौरान दिल्ली स्थित हुडको से लगभग 105 करोड़ रुपए और दिल्ली स्थित नेशनल हाउसिंग बैंक से लगभग 75 करोड़ रुपए अपने विभाग के विभिन्न कार्यो के लिए लिए है यानी हरियाणा हाउसिंग बोर्ड ने लगभग 1 अरब 80 करोड़ रुपए नवंबर 2014 से नवंबर 2015 तक कर्ज लिया है।