चंडीगढ़। हरियाणा के इतिहास में पहली बार आयोजित होने जा रही हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट प्रदेश के युवाओं को रोजगार व राष्टीय एव अंतराष्टीय स्तर के बडे औद्योगिक निवेश के साथ प्रदेश के विकास को एक नई दिशा देगी।
यह ऐलान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज नई दिल्ली में हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट में लोगो, वेबसाइट, स्टार्ट-अप कार्यक्रम के लोकार्पण के उपरांत प्रेस कान्फ्रेंस में की। उन्होंने कहा कि 7 व 8 मार्च को होने वाली इस सम्मेलन में की विधिवत शुरूआत आज करते हुए मुझे अपार खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि 9 मार्च को हरियाणा से जुड़े एनआरआई निवेशकों के लिए भी प्रवासी हरियाणा दिवस का भी आयोजित किया जाएगा।
मनोहर लाल ने बताया कि इन्वेस्टर्स सम्मिट को लेकर हरियाणा में ओद्योगिक निवेश के लिए औद्योगिक घरानों में कितना उत्साह है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब मैं चण्डीगढ से चला था तो औद्योगिक निवेश के संदर्भ में रूचि दिखाते हुए वन टू वन बैठक में 8 से 10 उद्योगपतियों की ओर से बैठक तय थी लेकिन दिल्ली पहुंचते ही यह संख्या 20 से 25 हो गई।
जिनमें असेडाज सिंगब्रिज गु्रप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फू नयाप ली, आर्टिमिस मैडीकेयर सर्विसिज लि. के कार्यकारी निदेशक ओंकार एस कंवर, फोर्टिन होल्डिंग प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक रवि सैनी, माइक्रोमैक्स साफटवेयर के सह-संस्थापक राजेश अग्रवाल, एमप्लस एनर्जी सोलूयसंस प्रा.लि. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव अग्रवाल, डेल्फी आटोमोटिव सिस्टम लि. के अध्यक्ष अरूण अवस्थी, वालमार्ट इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कृष्ण अययर, यूनाईड टैक्नोलोजी के प्रबंध निदेशक पलायश राय चैधरी, रोकवेल कोलिंस के प्रबंध निदेशक सुनील रैना, बिल्सवन के अध्यक्ष सत्यनारायण गुप्ता, सन फाउडेशन के अध्यक्ष पदमश्री बिक्रमजीत सहानेय इत्यादि प्रमुख है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश का अनूकुल माहौल मिलें इस सोच के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करते हुए राज्य में उद्योगों की कठिनाइयों को दूर करते हुए नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2015 लागू की गई है। उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण है कि प्रदेश में अनाधिकृत उद्योग को भी योजनागत तरीके से लगने वाले उद्योगों में समायोजित करेंगें चूंकि अनाधिकृत उद्योग में सबसे ज्यादा समस्या मजदूर वर्ग को होती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश के मजदूरों के हित में एक बडा निर्णय लेते हुए न्यूनतम मजदूरी दर को 40 से 45 प्रतिशत तक बढाया है। एक प्रश्न के उतर में उन्होंने कहा कि औद्योगिक मजदूरों को भी रहने की बेहतर सुविधा मिलें इसके लिए सरकार द्वारा लागू की गर्ई नई उद्यम प्रोत्साहन नीति में प्रावधान किया गया हे कि उद्योगपति मजदूरों को आवास देने के लिए बाध्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतीत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए निजी बिल्डरों द्वारा निर्मित किए जाने वाले मकान वास्तव में पात्र लोगों को मिलते ही नहीं थें।
वर्तमान राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बनने वाले मकान उन्हें ही आवंटित हों, साथ ही अफोर्डेवल हाउसिंग स्कीम लागू की गई है ताकि प्रदेश के आमजन को कम कीमत पर छत मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों अगस्त माह में अमेरिका और कनाडा के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरे में विदेशी निवेशकों ने हरियाणा में निवेश के प्रति गहरी रूचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि इस कडी में अगाामी 17 से 25 जनवरी के बीच भी हरियाणा की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल जापान और चीन के दौरे पर जा रहा है, जिसमें दोनों देशों के निवेशकों को हरियाणा में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगां।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने चीन के बडे औद्योगिक समूह वांडा ग्रुप की ओर से हरियाणा में किए जाने वाले निवेश के संदर्भ कहा कि साकारात्मक दिशा में बातचीत जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 14 महीनों में प्रदेश में जो माहौल बना है उसका नतीजा हे कि विश्व स्तरीय उद्योग भी हरियाणा में निवेश के प्रति आकर्षित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य को रेल, सडक व अन्य ढांचागत सुविधाओं के मामले में तेजी से परिपूर्ण किया जा रहा हैं, पिछले कई सालों से अटकी केएमपी परियोजना को भी गति देने का काम वर्तमान सरकार ने किया है, उम्मीद है कि अगले दो-तीन महीनों में इस परियोजना में तेजी से कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार का प्रयत्न है कि प्रदेश में हर वर्ग को आगे बढाने का अवसर मिलें।
इस अवसर उद्योग मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि हरियाणा उन राज्यों में शुमार है जिसने सकल घरेलू विकास दर कायम रखी हैं। आज स्वदेशी व विदेशी उद्योगों के लिए हमारा राज्य प्राथमिकता में हैं। उन्होंने पूर्व की सरकारों पर अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि हरियाणा मौजूदा सरकार से पहले औद्योगिक विकास की दृष्टि से पीछे छूट रहा था, उद्योग पलायन कर रहे थें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हमारी सरकार ने आर्थिक जगत में नेतृत्व की स्थिति को बनाए रखने के लिए आर्थिक स्थिति पर पहली बार श्वेत पत्र जारी किये। सरकार, प्रशासन व उद्योग के बीच जो खाई थी उनके लिए अनेक जटिल प्रक्रियाएं जिम्मेदार थी। प्रदेश हित का दृष्टिकोण रखते हुए हमने एक नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2015 की शुरूआत की। जो आज लैंडमार्क पोलिसी साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि यह पोलिसी मोदी के मेक इन इंडिया के नारे को सार्थक रूप है जिसे अब कई प्रदेश अनुसरण कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि हरियाणा में बनने वाली हर चीज देशी व विदेशी बाजार की स्पर्धा में खडी हो सकें। उद्योग मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट हरियाणा के औद्योगिक व आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार के लाखों अवसर सृजन करेगी।
वर्तमान सरकार हरियाणा एक-हरियाणावी एक के नारे के साथ काम कर रही है ताकि प्रत्येक व्यक्ति हरियाणा के विकास के लिए जुडें। उन्होंने बताया कि सीआईआई हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट का नेशनल पार्टनर होगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आर.के. खुल्लर, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव देवेन्द्र सिंह, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक सुधीर राजपाल, सूचना, जनसंपर्क एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के महानिदेशक डा. अभिलक्ष लिखी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, ओएसडी मीडिया राजकुमार भारद्वाज, सीआईआई हरियाणा स्टेट काउसिंल के चेयरमेन समीर मुंजाल व अन्य उपस्थित थे।