अजमेर। विख्यात सूफी संत हजरत बाबा हरप्रसाद मिश्रा ‘उवैसी’ का नौवां सालाना उर्स बड़ी शानो-शौकत के साथ सम्पन्न हो गया। देश भर से आए शिष्यों और अकीदतमंदों ने अपनी आस्था और विश्वास के साथ मजारे-मुबारक पर फूल पेश किए और मखमली चादर चढ़ा कर अकीदत का इजहार किया।
उर्स में अकीदतमंदों के आने का सिलसिला सुबह से लेकर देर रात तक जारी रहा। उर्स में स्थानीय एवं आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने आश्रम पहुंचकर उर्स की तमाम रस्म-ओ-रिवाज में शिरकत की। उर्स में चादर का जुलूस पूरी शानों-शौकत से गाजे-बाजे के साथ निकाला गया।
शाम साढ़े पांच बजे से अकीदतमंद चादरों के साथ हुजूर के मजारे-शरीफ पर कतार में पहुंचने लगे। जुलूस में आगे कव्वालों द्वारा कलाम पेश किए जा रहे थे। अनेक अकीदतमंदों ने अपनी मन्नतें और मुरादें पूरी होने पर पुष्प और चादर पेश कर शुक्राना अदा किया।
उर्स में आयोजित हुए कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए उवैसिया रूहानी सत्संग आश्रम के अध्यक्ष गुरुदत्त मिश्रा ने बताया कि मंगलवार 15 अगस्त को सुबह हुजूर की मजारे-मुबारक पर फूल पेश किए गए। सुबह 11 बजे से ध्यान व सुमिरन हुआ।
दोपहर 2 बजे से आध्यात्मिक चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें वर्तमान गुरु मुनेन्द्रदत्त मिश्रा ‘उवैसी’ ने अकीदतमंदों को संबोधित किया। उन्होंने सिलसिले के बुजुर्गों की ओर से दिए जाने वाले संदेश और सीख को मन, कर्म और वचन से अपनाते हुए सभी से स्नेह और भाईचारे के साथ प्रेमभाव बनाए रखने की गुजारिश की।
शाम को लंगर-प्रसादी के आयोजन के बाद रात्रि करीब साढ़े नौ बजे से महफिल शुरू हुई। जयपुर से आए कव्वाल अनवार हुसैन एण्ड पार्टी, जयपुर के ही ख्यातनाम कव्वाल सईद-फरीद एवं साथी, अजमेर के अग्गन एवं कुर्बान कव्वाल, कोटा के हबीबुर्रहमान कव्वाल एवं साथियों ने सूफीयाना कलाम पेश कर श्रोताओं की जमकर दाद बटोरी।
गुरु मुनेन्द्रदत्त मिश्रा उवैसी की सदारत में हुई महफिल सुबह चार बजे तक चली। इसके बाद सभी कव्वाल पार्टियों द्वारा मिलकर रंग व सलाम पेश किया गया तथा कुल की रस्म एवं प्रसाद वितरण के साथ बुधवार को उर्स सम्पन्न हो गया।