चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार मामले को लेकर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए पंजाब सरकार को तीखे शब्दों में कहा कि वह इस पूरे प्रकरण में अपना रूख साफ करे।
मंगलवार को हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पंजाब सरकार अपना रूख स्पष्ट नहीं करती है, तो अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट अंतिम फैसला सुना देगा। मामले की अगली सुनवाई 16 सितम्बर को होगी।
इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि सभी पक्ष मिलकर आपसी सहमति से इसका समाधान निकाले। दरअसल, डॉक्टर महाराज को क्लीनिकल डेड बता चुके हैं। जबकि उनके भक्तों को उम्मीद है कि बाबा जिंदा हो जाएंगे। वे अभी समाधि में हैं।
आशुतोष महाराज को चिकित्सकों ने 29 जनवरी 2014 को मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद से पंजाब के नूरमहल स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान में उनका मृत शरीर एक कमरे में फ्रीजर में रखा हुआ है।
आशुतोष महाराज दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख थे। संस्थान की तरफ से पहले ही हाईकोर्ट को दी जा चुकी है कि महाराज के फ्रीज में रखे शरीर का अंतिम संस्कार करने या अन्य विकल्प पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।
आश्रम 260 एकड़ में फैला हुआ है, जिसके एक भाग में प्रवचन के लिए हॉल है। आशुतोष महाराज के भक्तों का मानना है कि उनके गुरु गहन समाधि में हैं और वो जरूर जाग जाएंगे।
ड्राइवर पूर्ण सिंह ने कोर्ट में रिट लगाई थी कि महाराज की डेथ हो चुकी है, लेकिन आश्रम के प्रबंधक महाराज को समाधि में बता रहे हैं। उसने अपनी याचिका में कहा था कि गद्दी और 1 हजार करोड़ की जायदाद की वजह से उनके मृत शरीर की बेअदबी हो रही है।