नई दिल्ली। भारत के सबसे अधिक वैल्यूएशन वाले बैंक HDFC ने अक्टूबर से लेकर दिसंबर की तिमाही में अपने 4,500 कर्मचारियों को काम से निकाला है। इन्हीं तीन महीनों में बैंक के मुनाफे की ग्रोथ 18 साल के निचले लेवल पर चली गई और लागत नियंत्रण करने पर फोकस बढ़ा।
बैंक का कहना है कि मुख्य रूप से उसकी प्रणाली की दक्षता बढ़ने तथा छोड़ने वालों की तुलना में कम संख्या में नियुक्तियों की वजह से उसके यहां कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है।
दिसंबर तिमाही में बैंक की मुनाफा वृद्धि दर सबसे कम यानि 15 प्रतिशत रही। 31 दिसंबर, 2016 को बैंक के कर्मचारियों की संख्या घटकर 90,421 पर आ गई, जो 30 सितंबर, 2016 को 95,002 थी।
ईमेल के जरिए भेजे जवाब में बैंक ने कहा है कि उसके कर्मचारियों की संख्या में कमी की प्रमुख वजह प्रणाली की दक्षता तथा नियुक्तियों में कमी है। भारतीय बैंकिंग उद्योग में नौकरी छोडऩे वालें की सालाना दर 16 से 22 प्रतिशत है।
HDFC बैंक में यह 18 से 20 प्रतिशत है। उद्योग में नौकरी के निकालने की दर का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। एक साल पहले की तुलना में हालांकि बैंक के कर्मचारियों की संख्या में 5,802 का इजाफा हुआ है।