इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई मंगलवार को स्थगित कर दी गई।
नवाज ने अनुरोध किया था कि जबतक इस्लामाबाद उच्च न्यायालय उनके खिलाफ सभी मामलों को एकसाथ नत्थी करने पर फैसला नहीं सुना देता, तबतक सुनवाई स्थगित रखी जाए।
उच्च न्यायालय ने सभी मामलों को एकसाथ नत्थी करने संबंधित शरीफ की याचिका पर फैसला 23 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था।
शरीफ की तरफ से मंगलवार को दायर याचिका में जवाबदेही अदालत में सुनवाई तब तक स्थगित करने का आग्रह किया है, जबतक कि सभी मामलों को एकसाथ नत्थी करने पर फैसला नहीं आ जाता।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अभियोजक सरदार मुजफ्फर ने नवाज शरीफ के आग्रह का यह कहते हुए विरोध किया कि गवाह सुनवाई के लिए पेश हुए हैं और उनके बयान दर्ज करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
डॉन न्यूज के मुताबिक अभियोजक ने कहा कि एक गवाह ने पिछली सुनवाई में सिर्फ आधा बयान ही दर्ज कराया है और इसे मंगलवार को पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
हालांकि, जवाबदेही अदालत ने आग्रह को नकारते हुए मामले की सुनवाई चार दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने 28 जुलाई को एनएबी को शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ छह सप्ताह में जवाबदेही अदालत में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही निचली अदालत को छह महीनों के भीतर इन मामलों पर फैसला करने का भी निर्देश दिया।
एनएबी के इन तीनों मामलों में शरीफ और उनके दो बेटों हसन और हुसैन नामजद हैं, जबकि नवाज की बेटी मरियम और दामाद सफदर एक मामले में नामजद हैं।