नई दिल्ली। निर्भया कांड पर बीबीसी की बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर संसद में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में सांसदों ने इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी जताते हुये सरकार से जवाब मांगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुये गृहमंत्री ने पहले राज्यसभा में फिर लोकसभा में इस मुद्दे पर सरकार का जवाब रखा। दोनों ही सदनों को उन्होंने विश्वास दिलाया कि ये डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित नहीं होने दिया जायेगा।उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री बनाने की सशर्त इजाजत मिली थी। ये इजाजत रिसर्च के नाम पर दी गई थी लेकिन इन शर्तों को तोड़ा गया। हमें जो डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई वो संपादित थी,े असली वर्जन नहीं दिखाया गया।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने सदन को विश्वास दिलाया कि आखिर इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने की इजाजत कैसे और किसने दी इसकी जांच की जायेगी। उन्होंने पूरे मामले की रिपोर्ट भी मांगी है। इस मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा नजर आया। डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाए या नहीं इस मुद्दे पर सांसद बंटे नजर आये। जहां कुछ सांसदों ने इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक के साथ इसे बनाने वालों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं कुछ सांसद ऐसे भी थे जिन्होंने डॉक्यूमेंट्री दिखाने की पैरवी की।
डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के पक्ष में जो सांसद थे उनमें जावेद अख्तर और अनु आगा का नाम शामिल हैं। राज्यसभा सांसद जावेद अख्तर ने इस मुद्दे पर भावुक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अच्छा हुआ ये डॉक्यूमेंट्री बनी, आखिर अब पता चलेगा कितने लोग हैं जो उस रेपिस्ट के जैसी सोच रखते हैं। जावेद अख्तर यहीं नहीं रूके उन्होंने इस मुद्दे पर आगे कहा कि इंटरव्यू से भी ज्यादा गंदी बातें संसद में कही गई।
दूसरी ओर इस मुद्दे पर कई सांसदों ने सरकार से सवाल किया कि आखिर घटना को हुए दो साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी अब तक बलात्कार के दोषियों को फांसी क्यों नहीं दी गई? सांसद जया बच्चन ने बलात्कार के दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुझे बस ये जानना है कि आखिर दोषियों पर कार्रवाई कब की जायेगी।
जेडीयू सांसद केसी त्यागी ने राज्यसभा में 267 नियम के तहत बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद उठाने के लिए नोटिस दिया। जिसके बाद ये मामला सदन में उठा। डॉक्यूमेंट्री विवाद में संसद में हंगामे के तुरंत बाद गृह मंत्रालय ने तिहाड़ के डीजी आलोक वर्मा को तलब किया। इस बीच डॉक्यूमेंट्री विवाद में गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस के बीच एक बयान को लेकर विवाद गहराता दिख रहा है।
लोकसभा में गृहमंत्री ने कहा कि जेल में बलात्कार के आरोपी का इंटरव्यू कैसे हुआ, इसकी इजाजत किसने दी जैसे मुद्दों पर जांच की जायेगी। इसके लिए संबंधित व्यक्ति की जिम्मेवारी भी तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रावधान जेल में इंटरव्यू देने का है तो वह इस संबंध में नियमों में संशोधन भी करेंगे. उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया कि एक रेपिस्ट का इंटरव्यू करने की अनुमति कैसे दी गयी
उन्होंने बताया कि सरकार ने एक अदालत से निर्भया मामले में सजायाफ्ता बस चालक मुकेश सिंह के साक्षात्कार के प्रकाशन और प्रसारण पर प्रतिबंध का आदेश प्राप्त कर लिया है।
इस सनसनीखेज इंटव्यू में दोषी मुकेश ने कुछ ऐसी तीखी टिप्पणियां की हैं, जिसको लेकर गृह मंत्रालय बेहद गंभीर नजर आ रहा है। मुकेश सिंह निर्भया बलात्कार कांड में मृत्युदंड की सजा काट रहा है। पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी के मुताबिक जेल में डॉक्यूमेंट्री को लेकर सशर्त इजाजत में कोई परेशानी नहीं है। पुलिस ने मामले पर कार्रवाई करते हुए इंटरव्यू लेने वाले बीबीसी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।