चित्तौडग़ढ़। जिले भर में पिछले तीन दिन से जारी बारिश से सभी बांध-तालाब छलक उठे हैं। सभी बांधों पर दो से पांच फिट तक की चादर चल रही है। शहर में चहुंओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। कई कॉलोनियां जलमग्न हैं। इसी तरह जिले के बेगूं, राशमी, निम्बाहेड़ा, कपासन, भूपालसागर, भदेसर, गंगरार आदि क्षेत्रों के हालात बने हुए हैं।
जिला मुख्यालय के बीच से होकर गुजरने वाली बेड़च और गंभीरी नदियां पूरे वेग से बहने लगी है । पानी के बहाव और आवक को देखते हुए रोड़वेज बस स्टेंड से एक-एक कर सभी बसें हटा ली गई, वहीं आस-पास की निचली बस्तियां जलमग्र हो गई।
लोगों को तत्काल बाहर निकलने के लिए कहा गया। निचली बस्तियों के लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए, वहीं निचले स्थानों में पानी भर जाने से करोड़ों रूपए के माल और सामान बर्बाद हो गए।
मंगलवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटों में जिले के बेगूं क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। 338 मिली वर्षा 24 घंटों में होने से चारों ओर पानी ही पानी हो गया। एकबारगी तो हालात ये हुए कि बेगूं के बस स्टेंड पर 5 से 7 फीट तक पानी भर गया।
काटून्दा से बेगूं जाने वाले मार्ग पर भी पानी आ जाने से रास्ता अवरूद्ध हो गया, वहीं काटून्दा का तालाब टूट जाने से हरिपुरा सहित अन्य गांवों में पानी भर गया। पानी के हालात ये हुए कि घरों में 4-4 फीट पानी चला गया और लोगों के खाने के लाले पड़ गए।
आस-पास के लोगों ने मदद पहुंचाने के लिए केलों आदि की व्यवस्था की, वहीं जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई एनडीआरएफ की टीम द्वारा लोगों को निकालने का क्रम जारी है।
जिले के सबसे बड़े गंभीरी बांध मे जबरदस्त पानी की आवक और बाड़ी बांध के 6 गेट खोले जाने के बाद आपार जल राशि नदी में बहने लगी है। 12 गेट खोलने के बाद गंभीरी बांध पर डेढ़ से तीन फीट की चादर चल रही थी।
जिले के घोसुण्डा बांध के भी सुबह 6 गेट खोले गए, जिन्हें बाद में कम करके 2 गेट खुले रखे गए हैं। मातृकुण्डिया बांध के लबालब हो जाने के बाद सभी गेट खोल दिए गए हैं। पिछले कई वर्षों से भीलवाड़ा जिले के मेजा बांध में भी जबरदस्त पानी की आवक हुई है।
इधर बेगूं क्षेत्र से बहने वाली ब्राह्मणी नदी में पानी की जोरदार आवक हुई है और बेड़च, ब्राह्मणी और बनास के संगम स्थल त्रिवेणी पर आपार जलराशि देखने को मिल रही है। ये सभी पानी बीसलपुर बांध में जाकर एकत्र होता है और इस पानी से बीसलपुर बांध के भी भर जाने के संकेत मिले हैं।
कपासन के राजेश्वर तालाब पर लगातार पानी की आवक से उसके तीन गेट खोले गए, जिसके चलते बालारड़ा, चित्तौड़ मार्ग पर पानी भर जाने से आवाजाही बंद हो गई। क्षेत्र के खेतों ने दरिया का रूप ले लिया।