नई दिल्ली। देशभर में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं। हालांकि सबसे ज्यादा प्रभावित गुजरात में सौराष्ट्र के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है।
जिले के अधिकारी राहत सामग्री बांटने के साथ चिकित्सा सहायता और सफाई के काम पर ध्यान दे रहे हैं । राज्य में मूसलाधार वर्षा और बाढ़ से अबतक 90 लोगों की मौत हो चुकी है।
सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित अमरेली जिले में ही अकेले 36 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और कुछ लोग अभी भी लापता हैं। राजकोट, जामनगर, कच्छ और भडूच जिले में भी आठ-आठ लोगों की मृत्यु हो चुकी है हालांकि कल सुबह से ही पूरे राज्य में बारिश रूक जाने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है।
राज्य सरकार ने संपत्ति और पशुधन और कृषि को हुये नुकसान का जायजा लेने के लिए सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया है। गुजरात सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को चार-चार लाख रूपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को अगले दस दिन तक नकद सहायता राशि देने का भी फैसला किया है। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जिन लोगों की संपत्ति और मवेशियों का नुकसान हुआ हैं उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी।
मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने सौराष्ट्र में कल गोंडल और अमरेली के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सभी आवश्यक मदद देने का आश्वासन दिया है।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा दो दिन के लिए रोक दी है। सोनप्रयाग में केदारनाथ को जोड़ने वाला पुल भारी वर्षा और ज़मीन धंसने के कारण ढह गया । तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
हमारे देहारादून संवाददाता ने बताया कि खराब मौसम में फंसे तीर्थयात्रियों को हैलिकॉप्टर से निकाला जा रहा है। अब तक 80 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
रूद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड और लिनचोली के लगभग 70 तीर्थयात्रियों को हैलिकॉप्टर से गुप्तकाशी लगाया गया है। गौरीकुंड से लगभग 400 श्रद्धालुओं को पैदल सोनप्रयाग के लिए रवाना किया गया।
चमोली जिले में जोशीमठ, पांडुकेश्वर, बद्रीनाथ, गोविंदघाट और घांघरिया में फंसे गये तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए हैलिकॉप्टर की व्यवस्था की जा रही है। बारिश के कारण प्रदेश की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है।
गढ़वाल और कुमाऊंमंडल में राष्ट्रीय राजमार्ग और मोटर मार्ग सहित ग्रामीण क्षेत्र में जाने वाले सम्पर्क मार्ग अवरूद्ध है। सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग इन मार्गों को साफ करने में जुटा है।
जम्मू-कश्मीर में मौसम सुधरने से बाढ़ का खतरा कम होता जा रहा है। बुधवार को लगातार बारिश के बाद बाढ़ की आशंका से दहशत पैदा हो गई थी।
राज्य के बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता ने हमारे जम्मू संवाददाता को बताया कि दक्षिण कश्मीर में संगम में झेलम नदी का जल स्तर 25 दशमलव के करीब था जबकि राममुंशी बाग में नदी का जलस्तर 20 दशमलव एक फुट के करीब था।
मौसम विभाग ने आसमान में कहीं कहीं बादल छाए रहने और कुछ स्थानों पर वर्षा होने और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान बताया है। लेकिन बाढ़ की कोई चेतावनी नहीं दी गई।
बाढ़ नियंत्रक मंत्री सुखनंदन कुमार ने लोगों से खौफजदा न होने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी आपात से निपटने के लिए पूरे प्रशासन को चौंकस कर दिया गया है। लोगों की सुविधा के लिए श्रीनगर में बाढ़ नियंत्रक कक्ष कायम किया गया है।
कल से बारिश न होने, मौसम के सुधार और झेलम नदी में पानी के स्तर की कमी से लोगों को राहत महसूस हो रही है। इस बीच, श्रीनगर जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर छोटी गाडि़यों को जम्मू की ओर जाने के लिए खोल दिया गया है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तरी अरब सागर और दिल्ली तथा हिमाचल प्रदेश सहित देश के उत्तर और पश्चिम के ज्यादातर हिस्सों की ओर बढ़ गया है। पूर्वी राजस्थान और गुजरात क्षेत्र में भी मॉनसून जोरों पर है।इसके अलावा यह उत्तरी और पश्चिमी राज्यों के अधिकांश भागों में सक्रिय है।
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और सिक्किम के पहाड़ी क्षेत्रों, तटीय कर्नाटक और केरल में कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है। राजधानी दिल्ली में आज सवेरे मौसम सुहावना रहा।
न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सैलसियस रहा। मौसम विभाग ने शहर के कुछ भागों में हल्की वर्षा होने और अधिकतम तापमान 35 डिग्री सैलसियस रहने का अनुमान व्यक्त किया है।