रायपुर। छत्तीसगढ के कुछ हिस्सों में मंगलवार सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश से सबसे बुरा हाल कांकेर का है। यहां रात करीब एक बजे से तेज बारिश हो रही है। भारी बारिश से कांकेर में दूध नदी उफान पर है। नदी का पानी शहरी इलाकों में घुस जाने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए कांकेर जिला प्रशासन ने आज स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिये हैं। वहीं जिले के करीब दो दर्जन गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन गांवों की स्थिति टापू जैसी बन गई है और वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है।
राहत और बचाव दल लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटा हुआ है। इसके अलावा नदी-नालों में आए उफान से पानी शहर के अंदर घुस गया है।
टिकरा पारा ककालिन तालाब फूट गया है और निचली बस्तियों में पानी भर गया। पानी पुराने बस स्टैंड और कोतवाली थाने में घुस गया। जिला प्रशासन निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने में जुटा हुआ है।
कांकेर जिले में खंडी नदी पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। दुर्गकोंदल-संबलपुर, दुर्गकोंदल-केंवटी मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है। उधर जिले में आई इस बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 अवरुद्ध हो गया है। अनेक वाहन मार्ग में फंसे हुए हैं।
इधर राजधानी रायपुर में भी आज दोपहर से तेज बारिश शुरू हुई। कुछ घंटों के इस बारिश ने राजधानी को तरबतर कर दिया। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. एम.एल. साहू ने बताया कि बंगाल तट पर बना कम दबाव का क्षेत्र काफी सक्रिय है और यह तेजी से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा चक्रवात को देखते हुए प्रदेश में दो दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले 72 घंटों में राज्य में कई जगहों पर अतिभारी बारिश हो सकती है।