अजमेर। अजमेर में बड़े दिन बाद धरती की प्यास बुझी। मंगलवार सुबह से ही आसमान में घुमड़ रहे बरसाती बादल ठीक ऑफिस टाइम पर झूम कर बरसे।
काफी देर तक मूसलाधार बरसने से अजमेर की सडक़ों पर पानी बह निकला। नाले व नालिया उफान पर आ गई। लोगों को दफ्तर पहुंचने में विलम्ब हुआ। स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रभावित हुई।
बरसात के कारण स्थानीय पटेल मैदान में चल रही स्वतंत्रता दिवस की रिहर्सल प्रभावित हुई। जानकारी के अनुसार मंगलवार को सुबह करीब डेढ़ से दो घंटे तक अजमेर में जमकर बरसात हुई।
मानसून सत्र में ऐसी बरसात सम्भवत: पहली बार ही हुई। इससे पहले जब भी बरसात हुई तो वह छितरा कर हुई। इससे अजमेर में कई इलाके पानी को तरस गए तो कई पानी से तरबतर हो गए।
मंगलवार को अजमेर में चहुंओर जहां तक नजर जा सकती थी, अरावली पर्वत श्रृख्ला पर बादल गश्त करते दिखाई दिए। इसके बाद को सुबह भी शाम जैसा नजारा होने लगा। सांझ ढले अंधेरा सा छा जाता है ऐसे ही काले बरसाती बादलों ने सूर्य को पूरी तरह से ढक लिया।
प्रारम्भ में रिमझिम और मध्य गति से बरसात शुरू हुई किन्तु करीब नौ बजे के आसपास मूसलाधार बरसात शुरू हो गई। इससे समूचा जन-जीवन प्रभावित हो गया। दुकानों को घर से निकल रहे व्यापारी ठिठक गए।
दफ्तरों को जाने वालों ने भी फोन पर आलाअधिकारियों को सूचना देना शुरू कर दिया। किन्तु जिन दफ्तरों में बायोमैट्रिक्स प्रणाली से उपस्थिति दर्ज होती है वहां कर्मचारियों को हाफ डे लीव पर जाना पड़ा।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय में ऐसा ही आलम रहा। वहीं बरसात के कारण अजमेर विद्युत वितरण निगम के माकड़वाली रोड स्थित दफ्तर पर ही विद्युत फॉल्ट होने से समूचे दफ्तर का कामकाज ठप हो गया।
करीब एक घंटे में फाल्ट दुरुस्त होने पर दिनचर्या शुरू हुई। इधर, निचले इलाकों और सडक़ों पर पानी भरने से कई मार्गों पर यातायात डायवर्ट किया गया। आनासागर झील में तो पानी लबालब दिखाई देने लगा। झील से जुड़े बरसाती नाले लबालब चलने लगे। एक बार तो ऐसा लगा कि अब झील में पानी जाना ही बंद हो गया है।
शाम को खुल गया मौसम
सुबह से उलट शाम को मौसम पूरी तरह खुल गया। दिनचर्या भी सामान्य हो गई। स्वतंत्रता दिवस को लेकर तैयारी में जुड़े पुलिस के जवान व बैंड टीमें शाम को पटेल मैदान में रिहर्सल पर पहुंची। बाजारों में भी रौनक लौटी। अन्यथा पूरा दिन भिनभिना रहने से सडक़े भी सूनी दिखाई देने लगी थी। बाजारों में सुस्ती छाई हुई थी।