वाशिंगटन। फलमक्खी पर किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि नींद, याददाश्त व अभ्यास आपस में गहराई से जुड़े हैं और इससे मानव मस्तिष्क के रहस्यों को उजागर करने में मदद मिलेगी।
अध्ययन में सामने आया कि जब फलमक्खी (डोर्सोफिला) के पृष्ठ युग्म मध्यवर्ती (डीपीएम) तंत्रिका को सक्रिय किया जाता है, तो उसे अधिक नींद आती है, लेकिन वहीं जब उसे निष्क्रिय किया जाता है, तो उसके जागने का समय बढ़ जाता है। डीपीएम फलमक्खी में मौजूद याददाश्त समेकनकर्ता (मेमरी कन्सॉलिडेटर) है।
ये मेमरी कन्सॉलिडेटर अल्पकालिक स्मृति को दीर्घकालिक स्मृति में बदलने का काम शुरू कर जागृत अवस्था आने से रोकते हैं। मेसाचुसेट्स के वाल्थम स्थित बै्रनदेस विश्वविद्यालय में ग्रिफिथ प्रयोगशाला में स्नातक छात्र बेंथनी क्रिसमैन ने कहा कि फल मक्खी के मस्तिष्क में नींद व स्मृति की गतिविधियां एक ही समय में होने से शोधकर्ताओं को अपना ध्यान मानव मस्तिष्क पर शोध की तरफ केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
ये सारी गतिविधियां फलमक्खी के मस्तिष्क के उस भाग में होती है, जिसे मशरूम बॉडी कहा जाता है। यह मानव मस्तिष्क में मौजूद हिपोकैंपस की तरह है, जिसमें हमारी स्मृतियां इकट्ठा होती हैं। अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि अल्पकालिक स्मृति को दीर्घकालिक स्मृति में बदलने में नींद बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फलमक्खी में नींद तथा याददाश्त किस तरह एक दूसरे से संबंधित हैं, इसकी समझ से मानव मस्तिष्क के रहस्यों को उजागर करने में मदद मिलेगी।