मुंबई। भाजपा सांसद और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की गिरफ्तारी के मामले में चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा है कि तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमन्त करकरे ने बहुत बड़े राजनीतिक दबाव में काम किया था। हालांकि साध्वी की गिरफ़्तारी के समय ही संदेह व्यक्त हुआ था।
गौरतलब है कि 2008 मालेगांव बम धमाके मामले भगवा आतंकवाद शब्द को गढकर हिन्दुत्व को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। इस मामले में एनआईए ने एक सप्लीमेंटरी चार्जशीट फाइल करके अब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीनचिट दे दी है।
इससे महाराष्ट्र में मजहबी सियासत उफान पर है। शिवसेना-भाजपा, कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हो गई हैं तो अब भाजपा सांसद और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह का चौंकाने वाला बयान आया है।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मामले में सिंह ने यहां तक दावा किया है कि राजनीतिक माइलेज लेने के लिए चार दिन तक बिना किसी सबूत के साध्वी प्रज्ञा को हिरासत में रखा गया था। उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा की गिरफ़्तारी के समय ही संदेह व्यक्त हुआ था। उनके खिलाफ जो सबूत थे वो बहुत कमज़ोर थे।
मालेगांव बम धमाके में जो स्कूटर जो इस्तेमाल हुआ था वह दो साल पहले ही बिक चुका था, लेकिन नाम ट्रान्सफर नहीं हुआ था। केवल एक यही सबूत था, लेकिन इससे उसका कोई सीधा कनेक्शन भी नहीं था। मकोका कानून भी इसमें गलत लगा गया था।