फूलों के रंगों से खेली जाने वाली होली त्वचा के लिये पूरी तरह से सुरक्षित होती थी। लेकिन अब रासायनिक रंगों ने होली को एक खतरनाक त्योहारों में तब्दील कर दिया है। अमूमन हर रासायनिक रंग में कोई न कोई घातक रसायन मिश्रित होता है जो आंखों,दांत, त्वचा, नाक और कई बार लीवर और गुर्दे तक को नुकसान पहुंचा सकता है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दन्त रोग चिकित्सक डा. राकेश कुमार यादव ने बताया कि होली खेलने के दौरान यदि मुंह के अन्दर केमिकल युक्त रंग चला गया तो मसूड़ों में दाने निकल आते हैं और तेज जलन होने लगती है।
केमिकल मिले रंगों से जा सकती है आंखों की रोशनी
होली के त्योहार में अब कुछ ही दिन बचे हैं। लोगों में अभी से उमंग देखने को मिल रही है। बुरा न मानो होली है कहकर लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, जब रंगों की बात आए और वह भी आर्टिफिशियल (रासायनिक) तो सावधान रहिए। इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय के डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया केमिकल मिले रंगों से आंखों की रोशनी भी छिन सकती है। यही नहीं, यह रंग इतने खतरनाक होते हैं कि आपकी जान भी जा सकती है।
केमिकल रंगों से हो सकती है एलर्जी- डा. सूर्यकांत
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकांत ने बताया कि होली में इस्तेमाल किया गया कृत्रिम रंग एलर्जी पीडि़त व्यक्तियों के लिए खतरा बन सकता है। आम तौर पर इस्तेमाल किया गया रसायन, हरे रंग के लिए तांबा, काले रंग के लिए नाइट्रेट आक्साइड और गुलाल में अभ्रक एलर्जिक रोगियों के लिए उत्प्रेरक का काम करते हैं। इसलिए एलर्जिक रोगियों को चाहिए कि वह रंग खेलने से बचें।
ये हैं सुरक्षित तरीके
1. कुदरती रंगों का ही उपयोग करें।
2. होली खेलने से पहले अपने बालों में अच्छी तरह से तेल लगाएं।
3. शरीर को ठीक से ढक कर ही होली खेलें।
4. पूरे शरीर की त्वचा पर अच्छी क्वालिटी की क्रीम या तेल लगाएं।
5. त्वचा में कहीं जलन महसूस हो, तो रंग को तुरन्त धो डालें
गर्भावस्था के दौरान संभलकर होली खेलें महिलाएं
गर्भवती महिलाओं के लिए होली में रंगों से खेलना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को खान-पान का भी खास ख्याल रखना बेहद आवश्यक है।क्वीनमेरी अस्पतला की महिला रोग विशेषज्ञ डा. एस.पी.जैसवार के मुताबिक गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिस कारण बीमारी और संक्रमण बढ़ जाते हैं। साथ ही गर्भवस्था के दौरान रासायनिक रंगों से होली खेलने से महिलाओं को शारीरिक तौर पर प्रभावित होना पड़ सकता है। ऐसे में रासायनिक रंगों से दूर रहना ही फायदेमंद होगा। कभी-कभी रंगों को बनाने के लिए डाई का भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे पदार्थ तंत्रिका तंत्र, गुर्दे तथा जनन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।