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जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त को बुधवार को न्यायालय में पेश होने का निर्देश देते हुए यह पूछा कि वह यह बताए कि प्राधिकरण द्वारा आवांटित किए गए जो प्लाटस खाली पड़े हैं उनका क्या किया जा रहा है।
न्यायाधीश एम सी शर्मा की एकल पीठ ने जमीन विवाद से जुड़ी शम्भू दयाल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है।
न्यायालय ने कहा कि एक तरफ तो जमीन की कीमतें आसमान छू रही है वहीं दूसरी और विभिन्न परियोजनाओं के लिए जेडीए द्वारा आवंटित भूमि का कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है और जमीन माफिया इस पर अतिक्रमण कर रहा है इसकी वजह से जमीन अतिक्रमण से जुड़ी याचिकाएं बढ़ रही है।
याचिकाकर्ता के वकील सतीश खांडल ने बताया कि न्यायालय ने आयुक्त से पूछा है कि जेडीए उन खाली प्लाटों के बारे में क्या योजना बना रहा है जिनका उपयोग नहीं हो पाया है।
प्राधिकरण के नियमों के अनुसार अगर कोई जमीन आवंटित की जाती है तो एक निश्चित समय सीमा बाद इस पर निर्माण करना जरूरी है।