अजमेर। अजमेर मेयर चुनाव विवाद आखिर उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए पहुंच गया। उच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए है।
जानकारी के अनुसार इस मामले में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह के जरिए सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने एक रिट याचिका नम्बर 13701/2015 उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति आलोक शर्मा की कोर्ट में सप्लीमेंट्री लिस्ट के साथ प्रस्तुत की थी।
अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह के अनुसार मंगलवार को सुनवाई करने के उपरांत न्यायाधिपति आलोक शर्मा ने उक्त रिट याचिका को ग्रहण करके 1- राज्य सरकार जरिए सचिव यू डी एच, 2- राज्य निर्वाचन आयोग जयपुर 3- हरफूल सिंह यादव रिर्टनिंग ऑफिसर अजमेर म्यूनिसिपल कार्पोरेशन चुनाव एवं एडीएम अजमेर 4- डॉ. आरूषी ए. मलिक, जिला कलेक्टर अजमेर एवं 5- धर्मेन्द्र गहलोत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि वे दो सप्ताह में जवाब देवें कि क्यों न धर्मेन्द्र गहलोत का चुनाव रद्ध कर सुरेन्द्र सिंह शेखावत को मेयर बना दिया जाए।
नोटिस जरिये दस्ती जारी करने के आदेश दिए गए हैं। उक्त प्रकरण में मामला यह था कि 21 अगस्त 2015 को अजमेर में मेयर के चुनाव के दौरान सुरेन्द्र सिंह शेखावत एवं भाजपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र गहलोत को 30-30 वोट मिले तथा उसके पश्चात रिटर्निंग अधिकारी ने लॉटरी निकाली उसमें सुरेन्द्र सिंह शेखावत विजयी हुए परन्तु सत्तारूढ पार्टी के दबाव एवं मतगणना केन्द्र पर वासुदेव देवनानी शिक्षा मंत्री अनिता बदेल मंत्री एवं रामनारायण ढूढी राज्य सभा सांसद के भारी दबाव के चलते दुबारा लॉटरी निकाली गई तथा धर्मेन्द्र गहलोत को मेयर घोषित किया गया।
सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने एक रिट याचिका नम्बर 634/2015 सर्वोच्च न्यायालय में दायर की थी जिस पर 11 सितम्बर 2015 को न्यायाधिपति जेलमेश्वर एवं न्यायाधिपति अभय मनोहर सप्रे ने 11 सितम्बर 2015 को यह आदेश दिया था कि सुरेन्द्र सिंह शेखावत उच्च न्यायालय जयपुर में याचिका पेश करें।
यह कि उक्त प्रकरण राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किये रिट याचिका में यह आधार लिया गया कि लोकतंत्र की हत्या की गई है और भारत के संविधान की धारा 14 का हनन किया गया है और प्रतिपक्ष ने गैर कानूनी दादागिरी और चुनावी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है।
रिट याचिका में यह मांग की गई कि क्यों न धर्मेन्द्र गहलोत को चुने जाना गैर कानूनी घोषित किया जाए और सुरेन्द्र सिंह शेखावत को अजमेर का मेयर घोषित कर पदस्थापित किया जाए। मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।