सबगुरु-न्यूज-जोधपुर/सिरोही। सिरोही जिला चिकित्सालय की बदहाल स्थिति पर सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की ओर से लगाई गई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से संपूर्ण राज्य के चिकित्सालयों का विवरण मांग लिया है। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गोविंद माथुर एवं कैलाशचंद्र शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि वह राज्य के चिकित्सालयों में चिकित्सकों के स्वीकृत पदों एवं उपलब्धता के संबंध में विवरण पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करे।
उच्च न्यायालय ने गत 26 सितम्बर को सुनवाई के दौरान न्यायालय में गत दिनों चिकित्सा विभाग द्वारा गलत जानकारी प्रस्तुत करने पर चिकित्सा विभाग के निदेशक डाॅ0 बी. मीणा को व्यक्तिगत रूप से 4 अक्टुबर को प्रस्तुत होने के निर्देश दिए थे। इसकी पालना में बुधवार को लोढा की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चिकित्सा निदेशक न्यायालय में पेश हुए डाॅ. मीणा ने उच्च न्यायालय में कहा कि राज्य में स्वीकृत पदांे के विपरित विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है।
उन्होंने राज्य में चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी दी। न्यायालय को बताया गया कि विशेषज्ञ चिकित्सक सरकारी सेवा में आने के लिए उपलब्ध नहीं हो रहे है। राज्य सरकार ने वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से तुरंत लगाने की व्यवस्था कर रखी है। चिकित्सकों के आवेदन आने पर हर महीने इस संबंध में तत्काल नियुक्ति के आदेश जारी किए जाते है।
न्यायालय के ध्यान में यह तथ्य भी लाया गया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की राजकीय सेवा में कम भुगतान प्राप्त होने के कारण उनका रूझान राजकीय सेवा के प्रति कम होता जा रहा है। इस पर न्यायालय ने विशेषज्ञों चिकित्सकों की भुगतान व्यवस्था बेहतर करने की भी बात कही। चिकित्सक निदेशक ने न्यायालय को बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सक राजकीय सेवा में उपलब्ध न होने पर निजी क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सकों को बुलाकर राजकीय चिकित्सालय में उनकी सेवा ली जा रही है।
सिरोही के चिकित्सालय में लगाए गए निश्चेतना विशेषज्ञ डाॅ. प्रकाश को सिरोही लगाकर फिर पाली लगाने के 8 सितम्बर के आदेश को न्यायालय ने निरस्त कर दिया। डाॅ. प्रकाश अब सिरोही के चिकित्सालय में कार्यभार ग्रहण करेंगे। न्यायालय ने चिकित्सक निदेशक को व्यक्तिगत उपस्थिति में छूट प्रदान करते हुए पूरे राज्य में अस्पतालों की स्थिति व चिकित्सकों की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत विवरण 7 अक्टूबर को उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी। मामले में पूर्व विधायक संयम लोढा की ओर से संदीप शाह एवं राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता एस.एस. लाडरेचा ने पैरवी की।
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