इलाहाबाद। दरोगा भर्ती परीक्षा में व्हाइटनर व ब्लेड का इस्तेमाल करने वाले अभ्यर्थी दरोगा नहीं बन पाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने इन अभ्यर्थियों की विशेष अपील खारिज करते हुए ऐसे चयनित अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर गुरुवार को पानी फेर दिया।
स्वदेश कुमार व 48 अन्य अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के इसी फैसले को विशेष अपील में चुनौती दी थी। लंबी बहस के बाद मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चन्द्रचुड तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने विशेष अपील खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि सिविल पुलिस व पीएसी में दरोगा व प्लाटून कमाण्डरों की भर्ती का 19 मई 11 को उत्तर प्रदेश सरकार ने विज्ञापन निकाला गया। इसमें चार हजार दस पदों पर भर्ती होनी थी। परिणाम घोषित हुआ जिसमें परीक्षा में व्हाइटनर व ब्लेड का प्रयोग करने वालों को भी सफल घोषित किया गया। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी। याचिका में व्हाइटनर व ब्लेड का प्रयोग करने वालों को चयन प्रक्रिया से बाहर करने की मांग की गयी। न्यायमूर्ति बी.के.बिड़ला ने 29मई 15 को याचिका स्वीकार कर ली थी तथा व्हाइटनर व ब्लेड का प्रयोग करने वालों को चयन सूची से बाहर करने का आदेश दिया था। प्रदेश सरकार ने आदेश का पालन करते हुए व्हाइटनर लगाने वाले 810 अभ्यर्थियों को चयन सूची से बाहर कर दिया। चयन से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने विशेष अपील दायर कर एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी।