टोंक/जयपुर। टोंक जिले में पचेवर थाना इलाके में सांस गावं के नजदीक शुक्रवार को बारातियों से भरी बस पर हाइटेंशन लाइन का तार गिर गया। हादसे में ,25 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं करीब 35 लोग बुरी तरह से झुलस गए।
घायलों को मालपुरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से आठ लोगों की हालत नाजुक होने पर उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रैफर किया गया है। जिला कलेक्टर ने 15 लोगों के मरने की पुष्टि की है। मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर संवेदना जताई है। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। यह राशि ऊर्जा विभाग की ओर से दी जाएगी।
पुलिस के मुताबिक टोंक के बाछेड़ा गांव निवासी जयराम के बेटे रामचरण की बारात बाछेड़ा से मोरला गांव जा रही थी। मोरला में पूर्व सरपंच रामधन की बेटी से रामचरण का शुक्रवार को विवाह होना था।
बारात मोरला गांव पहुंचने से पहले ही रास्ते में सांस गांव के पास बिजली की 33 केवी की हाई टेंशन लाइन का तार टूटकर बस की छत पर गिर गया। हादसे के बाद आसपास के गांवों के लोग बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए और बस से लाशों और झुलसे लोगों को निकालने का काम किया।
स्थानीय निवासियों के अनुसार गांव के लोगों ने लकड़ियों के सहारे तार को हटाया। इसके बाद एक-एक कर लाशों और घायलों को बाहर निकाला। गांव वालों का कहना है कि यह बिजली का तार काफी समय से ढीला था। इसे सुधारने के कई बार बिजली विभाग को सूचना दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। घोर लापरवाही के चलते आज बड़ा हादसा हो गया। इस बात को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, जिले के प्रभारी मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत, जिले की प्रभारी सचिव गायत्री राठौड़ मौके पर पहुंचे।
इनके अलावा जयपुर के एसएमएस अस्पताल के 15 डॉक्टर्स की टीम भी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मानप्रकाश के नेतृत्व में टोंक पहुंची है। मुख्यमंत्री ने संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और जेवीवीएनएल के एमडी अनुराग भारद्वाज को पीडि़तों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।