सबगुरु न्यूज-जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में मनरेगा योजना में बनाए गए राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का नाम सिर्फ प्रशासनिक आदेश के माध्यम से अटल सेवा केन्द्र करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रिटर्नेबल नोटिस जारी किया है।
सिरोही में कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा के माध्यम से अधिवक्ता पुनित सिंघवी की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश एमएन भंडारी ने राजस्थान सरकार को यह नोटिस जारी किया है। लोढा के माध्यम से सिंघवी ने न्यायालय को बताया कि राजस्थान सरकार ने भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र का नाम एक प्रशासनिक आदेश के माध्यम से अटल सेवा केन्द्र कर दिया है।
उन्होंने न्यायालय में दलील कि केन्द्र सरकार के नोटिफिकेशन को राज्य सरकार का प्रशासनिक आदेश अतिक्रमित नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र का निर्माण करवाने के लिए एक्ट्राआॅडिनेरी गजट 2009 में निकाला था।
अपनी याचिका में लोढा ने यह दलील दी कि राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपयी दोनों ही भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं और भारत रत्न से सम्मानित हैं। दोनों ही सम्मानीय हैं और इनका अनादर नहीं होना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि राज्य सरकार का यह निर्णय ये दर्शाने का प्रयास लग रहा है कि राजीव गांधी कम प्रभावशील थे।
राजस्थान की जनता के धन से निर्मित इन सेवा केन्द्रों के नाम परिवर्तन के पीछे राजस्थान सरकार ने कोई कारण भी स्पष्ट नहीं किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान को छोडकर देश के किसी भी राज्य में राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के नाम परिवर्तित नहीं किए गए हैं।