शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मौजूद 50.25 लाख मतादाताओं में से 72 फीसदी से ज्यादा मतादाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। इसके साथ ही सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच इस सीधी टक्कर में दोनों पार्टियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।
निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण रहा और 68 सीटों पर किसी तरह की कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई। हालांकि कुछ मतदान बूथों पर ईवीएम और मतदाता पहचान पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों में ख्रराबी की खबरें आई थीं, लेकिन इन बूथों पर मतदान जारी रहा और आधिकारिक तौर पर शाम पांच बजे बंद हुआ।
राज्यभर में हो रहे एकल चरण में चुनाव में ठंड के बावजूद मतादाता सुबह आठ बजे से पहले ही मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे थे। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में हल्की गड़बड़ियों के बावजूद चुनाव प्रक्रिया शुरू होने में किसी तरह की देरी की खबर नहीं है।
शुरुआती दो घंटों में राज्य के अंदर 13.72 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था जो शाम चार बजे तक 64 फीसदी हो गया।
एक निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदान प्रतिशत 72 फीसदी से अधिक होने की संभावना है, क्योंकि कुछ जगह ईवीएम और वीवीपीएटी में परेशानी के कारण मतदान देर शाम 6.30 बजे चला।
इस बार चुनाव मैदान में 19 महिलाओं समेत 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनावी दौड़ में 112 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है।
कांग्रेस ने निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया है जबकि भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मैदान में हैं।
वीरभद्र सिंह और धूमल दोनों ने ही अपने गृहनगरों रामपुर और समीरपुर में परिवार के सदस्यों के साथ वोट डाले। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा और कांग्रेस नेता और पूर्व कॉमर्स मंत्री आनंद शर्मा ने बिलासपुर और शिमाला शहरों में अपने मत का प्रयोग किया।
शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि भाजपा ने राज्य में जनता को लुभाने के लिए चुनाव में झूठे वादे किए और फर्जी अभियान चलाए थे।
मुख्यमंत्री और सातवीं बार शासन पर कब्जा करने का सपना देख रहे वीरभद्र सिंह ने वोट देने के बाद कहा कि वह राज्य में कांग्रेस के भारी बहुमत से जीत दर्ज करने को लेकर आश्वस्त हैं।
वहीं दूसरी तरफ दो बार के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता धूमल ने कहा कि इस दफा भाजपा ने 60 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है।
राज्य में 19 लाख महिलाओं समेत कुल 50 लाख मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। साथ ही राज्य में 14 समलैंगिक मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया।
किन्नौर जिले के कल्पा में भारत के पहले मतदाता 100 वर्षीय श्याम शरण नेगी ने 15वीं बार विधानसभा चुनाव में वोट डाला।
चुनाव आयोग ने पहली बार वोटों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल किया है। मतगणना 18 दिसंबर को गुजरात चुनाव की मतगणना के साथ ही होगी।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2012 में कांग्रेस ने 42.81 फीसदी वोटों के साथ 36 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने 38.47 फीसदी मतों के साथ 26 सीटें जीती थी।
विधानसभा चुनाव 2012 में 75 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था। और 2007 में यह 68.36 फीसदी था। 1977 के बाद से अब तक सबसे अधिक मतदान 2012 में हुआ था।