शिमला। हिमाचल सरकार ने विभिन्न विभागों में नौकरियों का पिटारा खोला है। कैबिनेट की बैठक में 1000 से अधिक पदों को भरने को मंजूरी दी गई है। सबसे ज्यादा पद जुनियर आॅफिर असिस्टेंट के भरे जाएंगे।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों में 1037 पदों को भरने की मंजूरी प्रदान की।
विभिन्न सरकारी विभागों में कनिष्ठ कार्यालय सहायकों (सूचना प्रोद्योगिकी) के 975 पद भरने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में सीमित सीधी भर्ती योजना (एलडीआर) के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग में लिपिकों के 29 पद हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड के माध्यम से नियमित आधार पर भरने को भी स्वीकृत प्रदान की। इसके अलावा आबकारी एवं कराधान विभाग में 2 सूचना प्रौद्योगिकी परामर्शदाताओं के पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई।
उद्योग विभाग में आशुटंकक के 10 और प्रदेश सचिवालय में सैकेडमेंट आधार पर कनिष्ठ आशुलिपिकों के रिक्त 13 पद भरे जाएंगे।
कुल्लू एवं शिमला में प्रोटोकाॅल अधिकारियों के पद सृजित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड में आऊटसोर्स आधार पर विभिन्न श्रेणियों के पदों को भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
सैनिक कल्याण विभाग में पात्र पूर्व सैनिकों में से 6 सेवादार के पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने का भी निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमण्डल ने वाहनों के ‘फैंसी’ अथवा ‘वैनिटी’ पंजीकृत नम्बरों से संबंधित हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन अधिनियम 1999 के नियम 69-बी के संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। 0001 से 0010 तक के वाहन नम्बरों को केवल सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया।
इसके अतिरिक्त, अन्य नम्बरों को ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दिया जाएगा। इनमें 0011 से 0100 नम्बरों को एक लाख रुपये के विशेष पंजीकरण शुल्क, 0101 से 0999 के बीच के चिन्हित फैंसी नम्बरों को 25 हजार रुपये और 1000 से 9999 के मध्य के नम्बरों को 5000 रुपये के पंजीकरण शुल्क के साथ आवंटित किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने एरियल रोप-वे अधिनियम 1968 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में प्रदेश में जिला परिषद कैडर के 49 अनुबन्ध कनिष्ठ अभियन्ताओं को भी नियमित करने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमण्डल ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में अध्यापकों को उपहार देते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अध्यापकों को वेतनवृद्धि सहित दो वर्ष के सेवा विस्तार का निर्णय लिया है। हालांकि अब 60 हजार रुपये का नगद पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
इसी प्रकार राज्य स्तरीय पुरस्कार विजेता अध्यापकों को अगले वित्त वर्ष से पूर्व में दिए जाने वाले 40 हजार रुपये के स्थान पर अब एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जाएगा।