शिमला। हिमाचल में मानसून का कहर जारी है। बीते तीन दो दिनों से प्रदेश के विभिन्न भागों में मूसलाधार बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल्लू जिला में तेज बारिश से जानी माल का नुक्सान हुआ है।
राजधानी शिमला में आज सुबह से ही बादल छाए हुए हैं और हल्की बारिश जारी है। हालांकि बीते कल शिमला में दिन भर बादल और धुंध छाई रही लेकिन बारिश नहीं हुई। देर रात से शिमला में बारिश का सिलसिला एक बार फिर शुरू हुआ। प्रदेश में कई स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। प्रदेश में 100 से ज्यादा सडक़ें बंद हो गई हैं जबकि कई क्षेत्रों में लोगों के मकान ढह गए हैं।
वहीं, बद्दी के लोधीमाजरा में मैरीको कंपनी की दीवार गिर गई। इससे एक महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई। सोलन जिला में ही एक युवक के चैक डैम में डूवने से मौत हुई है।
कुल्लू के सैंज में सौ मेगावाट की जल विद्युत परियोजना की सांभा स्थित डैम साइट में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। मजदूर जंगल में भाग गए हैं। डैम कॉलोनी और क्रशर में भारी नुकसान हुआ है। खतरे को देखते हुए न्यूली क्षेत्र के कई लोगों ने घर खाली कर दिए हैं। तीन मजदूरों के पानी में बहने की सूचना है। अभी तक उनके शव बरामद नहीं हुए हैं।
एनएचपीसी के महाप्रबंधक ए के सिंह ने बताया कि निर्माणाधीन पार्वती परियोजना को बाढ़ से नुक्सान पहुंचा है। वहीं बारिश के कारण शिमला शहर की जलआपूर्ति लगातार प्रभावित हो रही है। शिमला में एक दिन छोड़ कर पानी आ रहा है। इस दौरान प्रदेश भर में लगभग सौ रूटों पर बस सेवा भी प्रभावित हुई है।
वहीं मण्डी जिला में भारी बरसात के चलते ब्यास नदी सहित सभी नदी नालों में पानी का स्तर बढ़ गया है जिसके कारण बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन के एक आपातकालीन बैठक बुलाकर लोगों की सुरक्षा हेतु आवश्यक प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं।जिलाधीश मण्डी संदीप कदम ने कहा कि ब्यास नदी में जल स्तर के बढऩे पर लारजी तथा पंडोह डैम से किसी भी समय पानी छोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि नदी नालों के समीप रहने वाले लोग बरसात के दिनों में सतर्क रहे तथा नदी नालों के समीप न जाएं ताकि किसी भी तरह के नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने लारजी तथा पंडोह डैम के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे डैम में जलस्तर के बढऩे तथा पानी छोडऩे बारे तुरंत प्रशासन को सूचित करें तथा लाउड स्पीकर के माध्यम से लोगों को भी सतर्क करें।
लोगों से आह्वान किया कि वह जिला प्रशासन की ओर से समय-समय पर जारी अलर्ट को गंभीरता से लें तथा इसकी अनदेखी न करें।गौरतलब है कि लारजी डैम वही डैम है जिसमें जून 2014 में अचानक पानी छोडने से हैदराबाद से आया पर्यटकों का दल बह गया था। इसमें 25 लोगों की मौत हुई थी।