शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की आयकर मामले में मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
वीरभद्र सिंह उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे विक्रमादित्य सिंह की ओर से उनकी आयकर असेसमेंट को दोबारा जांचने के आयकर विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली अलग-अलग याचिकाओं को प्रदेश उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने इस मामले में रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद अपने फैसले में कहा है कि आयकर विभाग के आयुक्त के आदेश कानूनी तौर पर सही हैं। इनमें किसी भी तरह का फेरबदल ठीक नहीं होगा।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में पाया है कि इन मामलों में कानूनी प्रक्रिया में कोई खामी नहीं पाई गई है। इसके अलावा प्रार्थी कानूनी तौर पर उसी सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रतिवेदन के माध्यम से अपना मामला उठाने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसके पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का क्षेत्राधिकार है।
वीरभद्र सिंह, प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने वित्तीय वर्ष 2012-2013 में अपनी कुल आय का ब्यौरा आयकर विभाग को देते हुए रिटर्न जमा करवाई।
आयकर विभाग ने कथित तौर पर रिटर्न में खामियां पाते हुए प्रार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। 24 नवम्बर 2016 को आयकर आयुक्त ने दोबारा आकलन को खोलने के आदेशों के खिलाफ दायर की आपत्तियों को खारिज कर दिया।
इन्हीं आदेशों को प्रार्थियों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी थी।