शिमला। हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से प्रदेश में जश्न है। समर्थकों ने कहीं मिठाइयां बांटीं तो पटाखे छोड़ खुशी का इजहार किया।
41 वर्षीय अनुराग ठाकुर वर्ष 2017 तक बी.सी.सी.आई. के अध्यक्ष बने रहेंगे। आज मुम्बई में हुई विशेष बैठक में अनुराग को सर्वसम्मति से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बी.सी.सी.आई. का अध्यक्ष चुना गया।
वह शशांक मनोहर का स्थान लेंगे, जिन्होंने अंतर्राट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रमुख का पदभार संभालने के बाद बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अनुराग वर्तमान में हमीरपुर से लोकसभा सदस्य के साथ-साथ भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
अनुराग के बीसीसी अध्यक्ष बनने की खबर आते ही अनके गृह क्षेत्र हमीरपुर व अन्य शहरों में लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई और भाजपाइयों ने जगह-जगह जश्न मनाया। हमीरपुर के हर कोने से अनुराग ठाकुर को बधाई दी गई।
उनके पैतृक गांव समीरपुर में शाम तक जश्न जारी था। भाजपाइयों ने मिठाई खिलाकर लोगों का मूंह मीठा करवाया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री व अनुराग के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने बताया कि बच्चे जब भी सफलता की सिढिय़ां चढ़ते हैं और माता-पिता के लिए गर्व की बात होती है।
धूमल ने कहा कि अनुराग के चयन वे गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समुची युवा शक्ति इस अवसर पर बधाई की पात्र है।
अनुराग ठाकुर की ताजपोशी से छोटे राज्य हिमाचल का देश में रूतबा बढ़ा है। पहली बार बीसीसीआई में महत्त्वपूर्ण स्थान हासिल करने वाले अनुराग ठाकुर के प्रभाव के चलते आज हिमाचल की चर्चा हर जगह हो रही है।
इस ताजपोशी से अनुराग ठाकुर ने प्रदेश की राजनीति में अपना सियासी कद और ऊंचा कर लिया है। उन्होंने विरोधी दल को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है कि केंद्रीय राजनीति तथा बीसीसीआई में अब भी उनकी तूती बोल रही है।
भाजपा सांसद व युवा मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर ने वर्ष 2000 में बीसीसीआई में कदम रखा था। 16 साल के अंदर वे बोर्ड की सबसे बड़ी पोस्ट पर काबिज हो गए। एचपीसीए अध्यक्ष से बीसीसीआई के मुखिया बनने की अनुराग ठाकुर की राह इतनी आसान भी नहीं रही।
वर्ष 2012 में जब हिमाचल में सता परिवर्तन हुआ तो कांग्रेस सरकार ने एचपीसीए के खिलाफ मोर्चा खोला और प्रदेश में बने एचपीसीए के सारे स्टेडियम अपने अधीन ले लिए। हालांकि हाईकोर्ट ने सरकार की इस कार्रवाई को अनुचित करार देते हुए एचीपीसीए को तुरंत बड़ी रहत दी। जमीन, अतिक्रमण, पेड़ कटान समेत अन्य मामलों में एचपीसीए पर कई केस भी चले, जिसमें अनुराग ठाकुर सताधारी पार्टी के निशाने पर रहे।
अनुराग ठाकुर की एचपीसीए व कांग्रेस सरकार के बीच गतिरोध के चलते टी-20 विश्व कप के धर्मशाला में खेले जाने वाले भारत-पाक मैच का स्थल भी बदलना पड़ा। अपने गृह राज्य से उठे ऐसे विवादों के बीच अनुराग ठाकुर के बीसीसीआई में किए गए कामों की भरपूर सराहना हुई।
समझा जाता है कि सचिव के पद पर रहते हुए अनुराग ठाकुर ने बीसीसीआई में गुटबाजी को खत्म किया और सबको साथ लेकर चले। हिमाचल के धर्मशाला में सुंदर अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने का श्रेय भी अनुराग ठाकुर को ही जाता है।
इसी बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती, सांसद राम स्वरूप शर्मा, वीरेन्द्र कश्यप व अन्य नेताओं ने अनुराग ठाकुर को नई जिम्मेदारी मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में बोर्ड सफलता की ऊंचाईयां छुएगा।
क्रिकेट ऐसोसिएशन किन्नौर के अध्यक्ष तेजवंत नेगी ने अनुराग ठाकुर को शुभकामना देते हुए कहा कि ये हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य के लिए सौभाग्य की बात है। शिमला ज़िला भाजपा अध्यक्ष संजय सूद ने भी अनुराग ठाकुर को बधाई दी है।