शिमला। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में शनिवार देर रात जमीन धंसने की एक बड़ी घटना में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई, और 25 से अधिक लोग लापता हैं। इस घटना में सड़क का 150 मीटर से अधिक हिस्सा धंस गया, कई घर, दो बसें और कुछ वाहन दफन हो गए।
उपायुक्त संदीप कदम ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया कि दिनभर चले अभियान में 17 शव बरामद किए जा चुके हैं और पांच घायलों को बचा लिया गया है।
उन्होंने आशंका जताई कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि जिंदा लोगों को ढूढ़ने का अभियान जारी है। बचावकर्मी मिट्टी में फंसे जिंदा लोगों को निकालने के लिए पूरे दिन खुदाई करते रहे।
जमीन धंसने की यह घटना जोगिंदरनगर तहसील में कोटरोपी गांव के पास मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर शनिवार देर रात करीब 12.20 बजे हुई। उस समय हिमाचल सड़क परिवहन निगम की दो बसें राजमार्ग पर स्थित एक कियोस्क पर रुकी हुई थीं।
राज्य परिवहन मंत्री जीएस बाली ने एक समाचार चैनल को बताया कि चालक के साथ आखिरी संवाद के मुताबिक बस (मनाली जा रही) क्षमतानुसार पूरी तरह से भरी हुई थी।
हादसे के समय चंबा से मनाली जा रही बस में 40 से ज्यादा यात्री सवार थे। एक अधिकारी ने कहा कि बस सड़क से 800 मीटर नीचे लुढ़क गई और मलबे के ढेर के नीचे दब गई। अधिकारी ने कहा कि बस में सवार नौ यात्रियों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
कटरा (जम्मू) जा रही एक अन्य बस के मलबे को पूरी तरह बरामद कर लिया गया है। बस में सवार आठ लोगों में से तीन की मौत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन मौतों पर शोक संवेदना व्यक्त की है।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूस्खलन से संबंधित घटनाओं के कारण हुई मौतों से पीड़ा हुई। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी शोक संवेदना। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी इस आपदा पर शोक जताया है।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन को बताया कि पहाड़ी के गिरने के कुछ मिनट पहले उन लोगों ने घर खाली कर दिए थे और जंगल की ओर भाग गए थे।
एक महिला ने बताया कि आपदा के ठीक पहले कुछ पत्थर लुढ़कने लगे। खतरा भांपकर हम जंगली इलाके की तरफ दौड़ने लगे और खुद को बचाने में सफल रहे। उसने बताया कि उसका घर मलबे में बह गया और मवेशी मर गए। क्षेत्र में भारी बारिश हुई है।
स्थानीय अधिकारियों, भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा जांच और बचाव अभियान जारी है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने भी घटनास्थल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने इस घटना को अभूतपूर्व त्रासदी करार दिया और कहा कि अंतिम पीड़ित का शव मिलने तक बचाव अभियान जारी रहेगा।
उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को संपत्ति के नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने का निर्देश दिया, ताकि प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया जा सके। वीरभद्र ने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की और अपनी हार्दिक शोक संवेदना व्यक्त की।