शिमला। कांग्रेस पार्टी 2012 में बेरोजगारी भत्ता देने का चुनावी वायदा कर सत्ता में आई थी। लेकिन चार साल बीत जाने के बाद अब चुनावी वर्ष में कांग्रेस को बेरोजगारी भत्ते की याद आई है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में 2017-18 का बजट पेश करते हुए जमा दो पास से ऊपर के बेरोजगारों को प्रति माह एक हजार रूपए बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है। इसके लिए अगले वित वर्ष में 150 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है। हालांकि इसके लिए क्या नियम और कायदे होंगे इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने साथ में अपंग बेराजगारों को भी भत्ता देने की घोषणा की है। उन्हें प्रति माह 15 सौ रुपए भत्ता देने की यह घोषणा की गई है। हालांकि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह लगातार यह बयान देते रहै कि प्रदेश की वितीय स्थिति को देखते हुए बेरोजगारी भत्ता देना संभव नहीं है।
इसके साथ बेरोजगार युवकों को लुभाने के लिए सरकार ने 1000 नए बस परमिट जारी करने की घोषणा भी की है। आज वीरभद्र सिंह ने बजट में बेरोजगारी भत्ते का ऐलान कर चुनावी विसात बिछा दी है। हालांकि यह भत्ता परिवहन मंत्री जीएस बाली द्वारा चुनावी वादे पूरा न करने का आरोप लगाने के बाद दिया गया है।
इसके अतिरिक्त बजट में किसी भी प्रकार का कोई नया कर नहीं लगाया है। उम्मीद के विपरीत प्रदेश में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को बजट से निराशा हाथ लगी है। ये कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें अनुबंध में लाने को लेकर सरकार कोई ऐलान बजट में कर सकती है। पीटीए अध्यापकों को लेकर भी सरकार ने काई घोषणा नहीं की है।
कंप्यूटर टीचर तथा आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए मात्र राहत भरी खबर यह है कि मुख्यमंत्री ने बजट में एक माह में उपयुक्त नीति बनाने की घोषणा की है। प्रदेश के कंप्यूटर टीचरों ने अपनी मांगों के लेेकर हाल ही में लम्बा संघर्ष किया था। वहीं किसानों को राहत देते हुए बजट में दूध के प्रापण मूल्य में एक रूपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।
बजट में महिलाओं को रिहायशी भूमि की खरीद पर स्टाम्प-शुल्क को 6 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करना प्रस्तावित किया गया है। जबकि सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 650 से बढ़ाकर 700 रूपए प्रति महीना किया गया है। वृद्धा पेंशन में भी पचास रूपए की बढ़ोतरी की गई है। अब यह बढक़र 1250 रूपये प्रति महिना हो गई है।
राज्य के सभी अनुसूचित क्षेत्रों में नौतोड़ मामलों में पटे पर देने की घोषणा बजट में की गई है। वीरभद्र सिंह ने बजट में नाहन, ऊना तथा बिलासपुर में तीन और महिला थाने स्थापित करने की घोषणा की है। जबकि प्रदेश में 19,000 से अधिक कार्यमूलक पदों को भरा जाना भी प्रस्तावित है।
कर्मचारियों के लिए कुछ राहत भरी खबर है। अनुबन्ध कर्मचारियों के वेतन में ग्रेड-पे के 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित किया गया है। दैनिक भोगियों एवं अंशकालीन कर्मियों को नियमित करने की तिथि को अप्रैल एवं सितम्बर 2017 में संशोधित किया जाना प्रस्तावित है। जबकि नियमित कर्मचारियों तथा पेंशनरों को 1 जुलाई 2016 से 3 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता देना प्रस्तावित।
नियमित सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनरों को 4 प्रतिशत मूलवेतन/मूलपेंशन पर 1 अगस्त 2017 से अंतरिम सहायता देने का भी ऐलान किया गया है। बजट में मुख्यमंत्री ने दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी बढ़ाकर 210 रूपये की गई है। पंचायत चौकीदारों का सहायता अनुदान 2050 से बढ़ाकर 2350 रूपए प्रति माह किया गया है।