अजमेर। अजमेर आकाशवाणी चल रहे हिन्दी पखवाड़े का समापन गुरूवार को हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता आकाशवाणी अजमेर के कार्यालयाध्यक्ष केके माथुर, उप महानिदेशक (अभियांत्रिकी) ने की।
पखवाड़े के दौरान केन्द्र पर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई उनमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरुस्कार प्रदान किए गए।
आशुभाषण प्रतियोगिता में प्रदीप कुमार आशुलिपिक ग्रेड- प्रथम, कमल कुमार प्रितमानी लेखापाल द्वितीय तथा नरेन्द्र सिंह राठौड़ अभि.सहा. तृतीय स्थान पर रहें।
हिन्दी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में नरेन्द्र सिंह राठौड़ अभि सहा प्रथम, प्रदीप कुमार, आशुलिपिक ग्रेड- प्रथम द्वितीय तथा उम्मेद सिंह पंवार अभि सहा तृतीय स्थान पर रहें।
हिन्दी में टंकण में प्रदीप कुमार आशुलिपिक ग्रेड- प्रथम स्थान पर रहे जबकि कमलकुमार प्रितमानी लेखापाल द्वितीय,ब्रजमोहन मीणा वलि तृतीय स्थान पर रहे।
हिन्दी निबन्ध प्रतियोगिता में प्रदीप कुमार, आशुलिपिक प्रथम स्थान पर रहे जबकि कमल कुमार प्रितमानी तथा नरेन्द्र सिंह राठौड़ तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार एमटीएस एवं वाहन चालकों के लिए निबन्ध प्रतियोगिता में रघुवीर सिंह वाहन चालक प्रथम, मनोहर सिंह द्वितीय तथा दीपचन्द तृतीय स्थान पर रहे।
उप महानिदेशक (अभि) केके माथुर ने बताया कि पखवाड़े के दौरान दिनांक 27 सितम्बर को केन्द्र पर एक हिन्दी आशु-भाषण प्रतियोगिता एवं राष्ट्रीय एकता में हिन्दी की भूमिका विषय पर एक हिन्दी कार्यशाला का आयोजन भी किया गया।
हिन्दी कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रुप में बोलते हुए सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ सुशील कुमार बिस्सू ने कहा कि आजादी के आन्दोलन में समूचा राष्ट्र अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था तब आजादी के आन्दोलन को भाषाई एक सूत्रा में पिरोने में हिन्दी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी साथ ही समूचे राष्ट्र में सम्पर्क भाषा के रुप में आज भी हिन्दी का महत्वपूर्ण योगदान है।
आशुभाषण प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि सम्राट पृथ्वीराज चैहान महाविद्यालय के प्रोफेसर अनिल दाधिच थे। हिन्दी कार्यशाला व आशुभाषण कार्यक्रम की अध्यक्षता आकाशवाणी अजमेर के केन्द्राध्यक्ष कमलेश कुमार माथुर उप महानिदेशक ने की।
हिन्दी पखवाड़े का समापन समारोह में अपने समापन भाषण में केन्द्राध्यक्ष केके माथुर उप महानिदेशक ने बताया कि हिन्दी हमारी राजकाज की भाषा ही नही अपितु हमारी मातृभाषा है अगर हम ही हिन्दी भाषा को नही अपनाएंगें तो फिर हिन्दी का विकास कैसे होगा।
उन्होंने बताया कि हिन्दी को दिल से आत्मसात करने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आने वाले वर्षो में हिन्दी के विकास के लिए और भी ज्यादा प्रयास किए जाते रहेंगे।
अन्त में राजभाषा हिन्दी अधिकारी सुनीलचन्द्र पालीवाल ने आमंत्रित अतिथियों एवं सभी उपस्थित अधिकारियो और कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा सचिव प्रदीप कुमार ने किया।