सबगुरु न्यूज। कलयुग के अवतार बाबा रामदेव जी ने तात्कालिक समाज में व्याप्त कई कुरीतियों, प्रथाओं का अंत किया तथा मानव को सत्य और ईमानदारी से कार्य करने का उपदेश दिया, अगर कोई नहीं माना तो उसे चमत्कार के साथ ठीक ढंग से समझाने का काम कर किया।
लोभ-लालच में पड़ कर जब कोई व्यक्ति उस समय राज का कर नहीं चुका कर झूठ बोलता था।व्यापार किसी टैक्स देने वालीं वस्तु का करता तथा तथा टैक्स नहीं देने वाली वस्तु के बारे में बता देता था।
एक बार एक बणजारा जो तरह-तरह की वस्तुओं का व्यापार करता था वह एक बार अपनी बालद में मिश्री लेकर आया तो उस समय चुंगी नाके पर रामदेव जी ही खड़े थे। रामदेव जी ने पूछा बणजारा बालद में क्या भर कर लाए हो। बणजारा बोला बाप जी सांभर से नमक लाया हूं।
बाबा रामदेव जी ने कहा तेरा वचन सत्य हो। आगे चलकर बणजारा ने मिश्री को चखा तो वो वास्तव में नमक बन गया। वो रोता हुआ वापस आया और बाबा रामदेव जी से माफ़ी मांगने लगा और राज का टैक्स चुका दिया।
बाबा रामदेव जीने उसे माफ़ कर वापस नमक को मिश्री बना दिया। यह लगभग छह सौ साल पुरानी बात है। इस कलयुग में भी बाबा रामदेव जी के चौबीस परचे सर्वत्र भजन कीर्तन के रूप में गाए जाते हैं। बोल राम सा पीर की जय।
सौजन्य : भंवरलाल