उज्जैन। हिंदू नव वर्ष बुधवार से प्रारंभ होने जा रहा है। इस दिन जहां चैत्र शुक्ल प्रतिपदा होने से गुड़ी पर्व मनाया जाएगा वहीं नवरात्र भी प्रारंभ होंगे। नव वर्ष के आरंभ को देखें तो यह वर्ष कलिकाल के प्रभाव में रहेगा।
19 मई, 2017 से विरोधकृत नामक इद्वत्सर प्रविष्ठ होगा। मार्गशीर्ष मास अर्थात् नवंबर-दिसंबर माह में आए 5 मंगलवार देशपर भारी रहेंगे। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पं.आनन्दशंकर व्यास ने दी। उन्होंने बताया कि कलिकाल के प्रभाव के चलते ‘अपूज्यो यत्र पूज्यंते’ का प्रभाव सर्वत्र देखा जा रहा है।
‘साधारण’ नामक अनुंवत्सर को लेकर संहितिकों ने लिखा है- साधारणाद्वे वृष्टयद्र्धं भयं साधारणं स्मृतम्। विवैरिणो धराधीशा: प्रजा: स्यु स्वच्छ चेतस:।। अर्थात् साधारण वर्ष में आधी वर्षा हो, भय सामान्य हो, सत्ता में बैठे लोग विरोधियों से मुक्त हो तथा प्रजा निष्कपट हो।
पं. व्यास के अनुसार साधारण वर्ष में बुध के राज्य में देवगुरू बृहस्पति मंत्री के रूप में रहेंगे। इनके स्वाभाविक फलों में बुध के राज्य में पृथ्वी सजल हो,घर-घर में शुभ मंगल होगी। देश के स्वातंत्रोदय को आधार बनाएं तो यह वर्ष एकोदय लग्र में प्रारंभ हो रहा है।
अत: अति संकट का समय रहेगा। अकल्पित सत्ता परिवर्तन होंगे। जनता पीडि़त रहेगी। सत्ता से जुड़े दलों में उग्रतम संघर्ष रहेंगे। शासन की रीति नीति का प्रभाव आम जनता झेलेगी। नोट बंदी एवं केश लेस योजना के चलते आम जनता और किसानों में रोष रहेगा। छोटे उद्योगों में छंटनी चलती रहेगी और बेरोजगारी बढ़ेगी।
पं. व्यास ने दावा किया कि नोटबंदी के बाद परिवर्तित नीति के कारण देश में सुधार की संभावनाएं धीमी होंगी। सत्ता और विपक्ष के बीच उग्रतम संघर्ष होंगे। पूर्व, पूर्वोत्तर, उत्तराखंड, बंगाल और बिहार में अतिसंकट की स्थिति बनी रहेगी।
वर्ष में विशेष रूप से अगस्त-सितंबर, नवंबर-दिसंबर, मार्च-18 विशेष संकट के माह रहेंगे। इन माहों में हिंसा, बम कांड, प्राकृतिक आपदा, बाढ़, तूफान, भूकंप और आगजनी के कारण विशेष जन-धन हानि होगी। केन्द्र सरकार संघर्ष की स्थिति में रहेगी।
सत्ता में कुछ पदों पर अचानक परिवर्तन होगा। प्रधानमंत्री का स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वे अपनी नीतियों के कारण विवाद में रहेंगे। जिससे विकास का क्रम धीमा पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत के लिए परेशानी खड़ी करेंगे।
मई से नवंबर तक का समय सीमाओं पर संकटग्रस्त रहेगा। सीमाओं पर सावधानी आवश्यक रहेगी। इन सब तत्वों की सीमा से घुसपैठ की स्थिति बनी रहेगी। कोई दो सत्ता पुरुषों की हानि होगी।