जयपुर। राजधानी में मंदिर तोड़ने के विरोध में संघ परिवार और मंदिर बचाओ संघर्ष समिति सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं। सरकार की ओर से बातचीत के जरिए हल निकालने के तमाम दावों को संघर्ष समिति के संयोजक बद्रीनारायण चौधरी ने झूठा करार दिया।
उन्होंने कहा कि मंदिरों को तोड़ने विरोध में चक्का जाम के ऐलान के बाद सरकार की ओर से संघर्ष समिति से कोई बातचीत ही नहीं की गई, ना ही कोई प्रस्ताव आया। वे बुधवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड़ मीडिया के समक्ष कई बार यह बयान दे चुके हैं कि मामले में मुख्यमंत्री स्तर पर बातचीत की जा रही है और इसका सर्वमान्य हल निकला जाएगा। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने भी बातचीत के जरिए हल निकालने का दावा किया था।
समिति के संयोजक ने कहा कि विकास के नाम पर मंदिर तोड़ने की यह नीति वर्ष 2011 से जारी है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय 34 मंदिर तोड़े गए। भाजपा सत्ता में आई तो डेढ़ साल में ही 73 मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन की एक तरफा कार्रवाई के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद और बजरंगदल ने लगातार आंदोलन कर रहा है।
इस दौरान जेडीए आयुक्त, महापौर, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री तक को कई बार ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई रोकने की मांग की लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं रूकी सभी शहर के सभी विधायकों और सांसद का घेराव किया गया। इसके बाद भी सरकार नहीं जागी, मजबूरन हिन्दू समाज को आंदोलन करना पड़ रहा है। शहर में चक्का जाम के दौरान अति आवश्यक सेवाएं एम्बूलेंस, पत्रकार, प्रशासकीय वाहन और परीक्षा देने जाने वाले छात्रों को प्रवेश पत्र दिखाने पर जाम से मुक्त रखा गया है।
आंदोलन को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। धार्मिक व सामाजिक और जातिय संगठनों के अलावा शहर के सभी व्यापार मंडलों ने चक्का जाम में अपनी सहमति दी है।
संवेदनहीन प्रशासन और उसके कारिंदे
चौधरी ने कहा कि संवेदनहीन प्रशासन और उसके कारिंदो ने कई प्रतिमाओं को खंडित किया है। प्राचीन रोजगारेश्वर मंदिर में सामान्य तरीके से शिवलिंग नहीं हटा तो उसे आरी से काटा गया। मंदिरों का तोड़ने की कार्रवाई के दौरान कई मूर्तियां खंडित हो हुई है। संघर्ष समिति की ओर से मंदिरों को हटाने की कार्रवाई के दौरान खंडित मूर्तियों के चित्र और दस्तावेज भी जारी किए गए।
संघर्ष समिति की प्रमुख मांगे
मंदिर तोड़ने के लिए जिम्मेदार दोषियों को तत्काल दंडित किया जाए, रोजगारेश्वर मंदिर समेत सभी प्राचीन मंदिरों को उन्हीं स्थानों पर विधि- विधान के साथ प्रतिष्ठित किया जाए, मंदिरों को तोड़ने की कार्रवाई तत्काल बंद की जाए और मंदिरों के अलावा अन्य धार्मिक स्थल जो मार्गों में आ रहे हैं उन्हें तत्काल हटाया जाए, मंदिरों को हटाने का आदेश देने वाले अधिकारियों और मूर्तियां खंडित करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अापराधिक मामले दर्ज किए जाएं, छोटी व बड़ी चौपड़ समेत मेट्रो स्टेशन के पास सौन्दर्यीकरण और पार्किंग के नाम पर एक भी मंदिर नहीं हटाया जाए, मंदिरों को केन्द्र में रखते हुए विकास किया जाए, धार्मिक स्थल हटाना ही अंतिम विकल्प हो तो सामाजिक प्रतिनिधियों से सहमति ली जाए।
इसके अलावा प्रशासन से जानकारी मांगी गई है कि कितने मंदिर हटाए गए हैं, इन्हें कहां पुनः स्थापित किया गया है। मंदिरों को भूमि आवंटन व अन्य सुविधाओं की क्या प्रक्रिया अपनाई गई।
राजधानी में छह दर्जन से अधिक स्थानों पर होगा चक्का जाम
चक्का जाम को सफल बनाने के लिए पूरे शहर को चार भागों में बांटा गया है। इनमें शहर के ऐसे छह दर्जन से अधिक प्रमुख चौराहों का चयन किया गया है, जहां यातायात का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। चौराहों पर मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के हजारों कार्यकर्ता सुबह नौ बजे से ही मोर्चा संभाल लेंगे।
बड़ी चौपड़, रामगंज चौपड़, सुरजपोल गेट, गलता गेट, सांगानेरी गेट, न्यू गेट, अजमेरी गेट, पांचबत्ती, स्टैच्यू सर्किल, गवर्नमेंट हॉस्टल, चौमू हाउस, मान बाग, आमेर गांधी चौक, जोधाशाह की पीपली, नहर गणेश जी, गणगौरी बाजार, पौडरीक तिराहा, आदर्श विद्या मंदिर, बगरू वालों का रास्ता, गुरूद्वारा मोड़ ट्रांसपोर्ट नगर, बर्फ़ खाना, मोती डूंगरी गणेश जी का चौराहा, त्रिमूर्ति सर्किल, पंचवटी सर्किल, रामगढ़ मोड़ और जोरावरसिंह गेट।
बालाजी का मोड़ माडटाउन मालवीय नगर, ओटीएस चौराहा, जेडीए सर्किल, दुर्गापुरा बस स्टेंड, लक्ष्मी मंदिर, रिद्धी- सिद्धी चौराहा और रामबाग सर्किल।
बामण की थड़ी, शिप्रा पथ पेट्रोल पम्प, गंगा- जमुना, गुर्जर की थड़ी, सोड़ाला, अजमेर पुलिया सिविल लाइन्स, पंडित चौराहा, खातीपुरा तिराहा, आम्रपाली, पुरानी चुंगी, हीरापुरा चौराहा, सिरसी पुलिया, बजरी मंडी मोड़ और करणी पैलेस।
निवारू पुलिया, कालवाड़ पुलिया, पंडित की थड़ी, कांटा चौराहा, झोटवाड़ा, लक्ष्मी नगर, फैक्टरी थाने के पास, खातीपुरा पुलिया, दादी की फाटक, रोड़ नंबर एक, खेतान हॉस्पिटल, रोड़ नंबर चौदह, अम्बावाड़ी नाला, सौलह नंबर बस स्टेंड, कांवटिया सर्किल, विक्रम सर्किल, कलेक्ट्री चौराहा, रेलवे स्टेशन, पानीपेच, अल्का सिनेमा और चौमू पुलिया।