पुणे/नई दिल्ली। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान अभिनीत फिल्म पीके का देशव्यापी विरोध शुरू हो गया है और विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना और राष्ट्रवादी हि ंदू सेना समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हिंदू संगठनों ने यह आरोप लगाते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है कि इसमें हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया गया है जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मुंबई, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पीके दिखा रहे कई सिनेमाघरों में काफी तोड़फोड़ की। संगठनों के अलावा शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंदसरस्वती और योग गुरू बाबा रामदेव समेत विभिन्न धर्मगुरूओं ने भी फिल्म को हिंदुओं के भावनाओं के विरूद्ध बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
शंकराचार्य ने इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग करते हुए सवाल उठाया कि इतने आपत्तिजनक दृश्यों के साथ सेंसर बोर्ड ने इसे पास कैसे कर दिया। वहीं बाबा रामदेव ने फिल्म के प्रति नाराजगी जताते हुए इसके निर्माण में शामिल सभी लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान किया।
अहमदाबाद में बजरंग दल की शहर शाखा के प्रमुख की अगुआई में लगभग 20 कार्यकर्ताओं ने गोल्ड और शिव थियेटर में तोड़फोड़ की। उन्होंने टिकट खिड़कियां तोड़ दी और फिल्म के पोस्टर फाड़ डाले। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस उपायुक्त वीरेंद्र सिंह यादव और अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए लेकिन उनके पहुंचने से पहले उपद्रवी भाग खडे हुए। हालांकि बाद में बजरंग दल ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सिनेमाघरों को फिल्म नहीं दिखाने की चेतावनी दी। संगठन ने कहा कि अगर सिनेमाघरों ने पीके फिल्म का प्रदर्शन बंद नहीं किया तो वह आंदोलन और तेज करेगा।
महाराष्ट्र के ठाणे में हिंदू संगठनों ने आमिर खान अभिनीत पीके फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इन संगठनों ने आरोप लगाया है कि फिल्म में हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाया गया है जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। राष्ट्रीय हिंदू आंदोलन नामक संगठन ने राजकुमार हीरानी निर्देशित पीके फिल्म पर प्रतिबंध लगाने एवं इसे देश भर के सिनेमाघरों से तुरंत हटाने की भी मांग की। संगठन के प्रवक्ता बलवंत फाटक ने बताया कि विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकताओं ने इस फिल्म पर प्रतिब ंध लगाने की मांग करते हुए शहर के विभिन्न भागों में प्रदर्शन किया। उन्हाेंने बताया कि प्रदर्शन में हिंदू राष्ट्र सेना, हिंदू जन जागृतिसमिति, हिंदू स्वराज्य सेना, हिंदू महासभा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत कई संगठनों के कार्यकताओं ने भाग लिया।
हिंदू जन जागृति समिति के प्रवक्ता डाक्टर उदय धुरी ने कहा कि इस फिल्म से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। फिल्म में हिंदू देवी देवताओं को गलत ढंग से चित्रित किया गया है। मुंबई के एक थियेटर मालिक को धमकी भरा खत मिलने के बाद फिल्म पीके के प्रदर्शन को रोक दिया गया है। जबकि पीके के कथित आपत्तिजनक दृश्यों पर पाब ंदी लगाने की हिंदू संगठनों की मांग के बीच सेंसर बोर्ड ने ऎसी कोई भी कार्रवाई करने से साफ इन्कार कर दिया है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सीबीएफसी की अध्यक्ष लीला सैमसन ने कहा है कि बोर्ड पीके के किसी भी दृश्य को नहीं हटाएगा क्योंकि यह फिल्म पहले ही रिलीज की जा चुकी है।