जयपुर। हिन्दू आध्यात्मिक सेवा मेला के दूसरे दिन सुबह कन्या वंदन एवम् पूजन हुआ जिसमें लगभग डेढ़ हजार कन्याओं का बालकों ने रोली मोली के साथ मुहं मीठा किया और उनका वंदन किया।
एक बरगी तो जैसे रक्षा बंधन का माहौल बन गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि बाल मुकुंदाचार्य महाराज एवम् विशिष्ट अतिथि साध्वी समदर्शी थे तथा दूसरे सत्र में प्राध्यापक संभाषण प्रतियोगिता हुई जिसमे लगभग 5 दर्जन प्रध्यापकों ने मेरे सपनों का भारत विषय पर संभाषण किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संवित् सोमगिरि महाराज थे तथा तीसरे सत्र के कार्यक्रम में मातृ शक्ति सम्मेलन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि रेवासा धाम के राघवा चार्य महाराज एवम् विशिष्ट अतिथि साध्वी विजय उर्मिलिया थे तथा समाज सेविका मंजू शर्मा, किरण पोद्दार एवम् उषा गुप्ता थीं।
इस अवसर पर राघवाचार्य महाराज ने कहा कि मातृ शक्ति का आदिकाल से महत्व रहा है और परम पिता परमेश्वर ने भी अपने नाम से पहले नारी को महत्त्व दिया था और आज भी नारी शक्ति स्वरूपा है अतः नारी शक्ति को अपनी क्षमताओं को पहचान कर नई जनरेशन को संस्कार युक्त वातावरण देकर भारतीय संस्कृति का पोषक बनना चाहिए तथा नई पीढ़ी के व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
रविवार सुबह 10 बजे मातृ पितृ वंदन एवम् दोपहर 2 बजे सामाजिक सदभाव सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें योगी रमण नाथ, दयानंद भार्गव, अंजन कुमार गोस्वामी, दाती महाराज शनि धाम एवम् दादा साहेब इदाते ने भी शिरकत की।