कोलकाता। कभी भारत के सत्ता के गलियारों की पहचान रही ऐंबेसडर कार अब फ्रेंच ऑटो कंपनी पूजो की संपत्ति हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक ऐंबेसडर कार बनानेवाली भारतीय ऑटो कंपनी हिन्दुस्तान मोटर्स ने अपने इस ब्रॉन्ड को फ्रेंच ऑटो कंपनी को 80 करोड़ में बेच दिया है।
हिन्दुस्तान मोटर्स ने 2014 में ही ऐंबेसडर का उत्पादन बंद कर दिया था। भारत में ऐंबेसडर कार बनाने की शुरुआत सीके बिड़ला समूह की कंपनी हिन्दुस्तान मोटर्स ने आजादी के पहले से की थी। 60 से 80 के दशक तक ऐंबेसडर कार भारत में राजनेता, प्रशासनिक अधिकारियों की पहचान बन गई थी।
एक समय में कहा जाता था कि देश का पीएम, सीएम और डीएम, पॉवर के तीन स्तर ऐंबेसडर कार उपयोग करते थे। लेकिन 80 के दशक में मारुति के लॉन्च होने के बाद से ऐंबेसडर का बाजार सिकुड़ता गया, जो उदारीकरण के दौर में भारतीय बाजार में आई मोटर कंपनियों की अत्याधुनिक कारों के सामने नहीं टिक सका।
सीके बिड़ला ग्रुप के मालिकाना हक वाली हिंदुस्तान मोटर्स ने यह सौदा 80 करोड़ रुपये में किया है। तीन साल पहले 2014 में ऐंबेसडर कार का उत्पादन रोक दिया गया था। भारत में ऐंबेसडर कार दरअसल यूके में 40वें और 50वें दशक की बहुचर्चित कार मॉरिस ऑक्सफोर्ड-III का भारतीय वर्जन कही जाती रही।