जयपुर। हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत पर राजनीति गरमाती जा रही है। कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गायों की मौत को लेकर सरकार के खिलाफ रैली निकाली है। वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर दो काबिना मंत्रियों ने गौशाला का दौरा कर मुख्यमंत्री को वास्तविक हालात से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने हिंगोनिया गौ-पुनर्वास केन्द्र के वर्तमान हालातों पर सख्त नाराजगी जताई और कहा कि गायों की सेवा, स्वास्थ्य और उनकी देखभाल में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने नगर निगम, पशुपालन विभाग और स्वायत्त शासन विभाग को साफ-साफ कहा कि वे स्वयं चार दिन बाद हिंगोनिया गौ-पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण करेंगी, इस अवधि में वहां के हालात सुधरने चाहिए अन्यथा जो भी दोषी होगा उसे किसी भी स्थिति में बक्शा नहीं जाएगा।
राजे ने मंत्रियों को भेजा, रिपोर्ट तलब
मुख्यमंत्री ने शनिवार को स्वायत शासन मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी, मुख्य सचिव ओपी मीणा समेत आला अधिकारियों को हिंगोनिया केन्द्र पर भेजकर वहां की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इन्होंने हिंगोनिया गौ-पुनर्वास केन्द्र जाकर वहां के हालात देखे और मुख्यमंत्री को दिल्ली रवाना होने से पहले वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने जयपुर एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर पर एक बैठक भी ली, जिसमें दोनों मंत्रियों के अलावा नगर निगम के महापौर निर्मल नाहटा, संभागीय आयुक्त जयपुर राजेश्वर सिंह, पशुपालन सचिव कुंजीलाल मीणा भी उपस्थित थे।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की और नाराजगी जताते हुए कहा कि बीते दिनों गायों की देखभाल में हुई लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा गो-पुनर्वास केन्द्र की चार दिवस के अंदर व्यवस्था सुधारी जाए।
स्वायत्त शासन मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री को बताया कि हिंगोनिया गो-पुनर्वास केन्द्र में रिवॉलिंग फण्ड बनाने, गायों के बाड़ो की सफाई करने तथा चारे-पानी की विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए है।
नगर निगम के दो अधिकारियों पर गिरी गाज
उन्होंने जयपुर नगर निगम ने हिंगोनिया गो-पुनर्वास केन्द्र के उपायुक्त शेरसिंह लुहाड़िया और प्रभारी आर.के. शर्मा को प्रथम दृष्टया लापरवाही का दोषी माना है। इसे मुख्यमंत्री ने गम्भीरता से लिया। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर उक्त दोनों कार्मिको को तुरन्त प्रभाव से निलंबित किया गया।
पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने वहां वार्ड नं. 3 के आईसीयू में विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की एक स्पेशल टीम लगाई है जो वहां आने वाली गायों का इलाज करेगी।
सैनी ने बताया कि 17 पशुचिकित्सक, 28 पशुधन सहायक, 2 रेडियो ग्राफर, एक लैब टेक्नीशियन और 7 पशुधन परिचर, एक जलधारी और चार सफाई कर्मचारी सहित 60 सदस्यों की टीम तैनात की है जो गायों के स्वास्थ्य पर निरन्तर निगरानी रखेगी। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में 279 गायों के ऑपरेशन किए जा चुके हैं। अधिकांश उन गायों की मृत्यु हो रही है जो उपचार के लिए हिंगोनिया लाई जा रही हैं।
गायों की मौत के विरोध में कांग्रेस की रैली
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रतापसिंह खाचरियावास के नेतृत्व में कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता ने शनिवार को हिंगोनिया गौशाला में लगातार हो रही गायों की मौत के विरोध में रैली निकाल कर प्रदर्शन किया।
रैली में शामिल लोगों ने राधे-राधे गाय बचा ले, मोहन भैया गाय बचा ले, जय गौमाता-जय गोपाला, मरती गौमाता करे पुकार-बन्द करो यह अत्याचार, गाय के हत्यारों को फांसी दो, सरकार के लोगों होश में आओ, गौमाता की रक्षा करो, जैसे बैनर व तख्तियां हाथ में ले रखी थी तथा हिंगोनिया गौशाला के बडे-बडे बैनर जिनमें मरी हुई गायें ट्रेक्टर ट्राली में लदी हुई है, ऐसी मरी हुई गौमाता के बैनर लोगों ने हाथ में ले रखे थे।
गौरक्षा यात्रा को देखने के लिए पूरे रास्ते में लोगों का हजूम लगा हुआ था। गौरक्षा यात्रा का जयपुर के सभी व्यापार मण्डलों और नागरिकों ने जबरदस्त स्वागत किया। गौरक्षा यात्रा में सैकडों की तादाद में कांग्रेस के झण्डे भी लोगों ने हाथ ले रखे थे।
खाचरियावास ने कहा कि गायों की मौत के लिए राज्य सरकार और नगर निगम की लापरवाही जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री को स्वयं जाकर हिंगोनिया गौशाला का निरीक्षण करके वहां की स्थितियां सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए, हिंगोनिया गौषाला में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है, राज्य सरकार के दोनों मंत्रीयों को 15 दिन बाद हिंगोनिया गौशाला में जाने की याद आई है। कांग्रेस के आंदोलन के दबाव में मंत्रीयों ने हिंगोनिया गौशाला का दौरा किया हैं।