जयपुर। जयपुर नगर निगम प्रशासन आखिरकार हिंगोनिया गौशाला में व्यवस्थाएं दुरस्त करने में असफल साबित हो गया। इसे देखते हुए सरकार ने गौशाला की कमान जिला प्रशासन को सौंप दी।
गुरुवार को संभागीय आयुक्त राजेश्वर सिंह, जिला कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन, नगर निगम आयुक्त हेमंत गेरा सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने गौशाला का दौरा किया और वहां अधिकारी नियुक्त कर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंप दी।
जिला प्रशासन ने गौशाला की मॉनिटरिंग के लिए एडीएम और एसडीएम को नियुक्त किया है, जो हर रोज बैठक कर व्यवस्थाएं निर्धारित करेंगे और गौशाला की रिपोर्ट तैयार करेंगे।
हिंगोनिया गौशाला पर लोकायुक्त ने रिपोर्ट मांगी
हिंगोनिया गौशाला में गायों की दुर्दशा एवं मौतों की खबरों के संदर्भ में लोकायुक्त ने स्वप्रेरणा से संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव, स्वायत्त शासन तथा आयुक्त नगर निगम, जयपुर से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है।
लोकायुक्त न्यायाधीश एस.एस. कोठारी ने हिंगोनिया गौशाला में अव्यवस्थाओं से संबंधित तथ्यात्मक विवरण मांगते हुए पूछा है कि सफाई कर्मचारियों द्वारा गोबर, अपशिष्ट चारा व कीचड़ क्यों नहीं साफ किया गया, क्योंकि अधिकांश गायों की मौत कीचड़ में फंस जाने के कारण हुई है। इसके लिए तथा इतनी अधिक संख्या में गायों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार लोकसेवकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
उन्होंने गौशाला में गोबर व चारे के अपशिष्ट के निपटाने और वर्षा के पानी की निकासी की व्यवस्था के संबंध में भी रिपोर्ट मांगी है। हिंगोनिया गौशाला में गायों की निरन्तर हो रही मौतों और वहां फैली घोर अव्यवस्थाओं के संबंध में लोकायुक्त ने रिपोर्ट तलब करते हुए पूछा है कि एक ही गौशाला में इतनी बड़ी संख्या में स्वस्थ व बीमार गायों को अलग-अलग रखने की बजाय एक साथ क्यों रखा गया और गौशाला की गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग व इसके सफल संचालन के लिए सिविल सोसायटीज को जोड़ने का भी कोई प्रस्ताव है या नहीं।
उन्होंने गौशाला में गायों के लिए शेड, सूखी मिट्टी की व्यवस्था, पर्याप्त पौष्टिक चारा-पानी, बीमार गायों के समुचित इलाज से संबंधित रिपोर्ट के साथ ही गायों की मौत के लिए जिम्मेदार लोक सेवकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण भी मांगा है।
लोकायुक्त ने पशुपालन व गोपालन विभाग के मंत्री एवं सचिव से भी हिंगोनिया गौशाला में बीमार गायों के इलाज के लिए कार्यरत चिकित्सकों के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगते हुए पूछा है कि वहां मृत गायों के निस्तारण और उनसे होने वाली महामारी की रोकथाम के लिए क्या प्रयास किए गए हैं।
गौशाला में हो रही अनियमितताओं के सन्दर्भ में सचिवालय में पूर्व से ही प्रकरण विचाराधीन है, जिसमें आयुक्त, नगर निगम, जयपुर व मुख्य अभियन्ता, नगर निगम, जयपुर को आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए लोकायुक्त द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र प्रेषित किए गए हैं।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को भी इस प्रकरण के सन्दर्भ में वांछित रिपोर्ट सहित व्यक्तिशः तलब किया गया है। इसके अतिरिक्त लोकायुक्त ने हिंगोनिया गौशाला में हुए भ्रष्टाचार के संबंध में की गई जांच की रिपोर्ट भी महानिरीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से तलब की है।