जयपुर। राजधानी जयपुर स्थित हिंगोनिया गौशाला में मंगलवार को भी करीब 60 गायों की मौत हो गई। मौत का कारण सही माहौल में बीमार गायों को इलाज नहीं मिलना सामने आ रहा है।
हालांकि नगर निगम प्रशासन मौत के इन आकड़ों में कागजों और मौखिक दोनों तरफ से दबाने में जुटा है, ताकि मामले को जल्द से जल्द ठण्डा किया जा सके। मीडिया में आ रहे आकड़ों को नगर निगम के अधिकारी गलत बता रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि मौत के आकड़ों सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा है।
बाड़ों से काफी हद तक कीचड़ आदि हटाकर सफाई कर दी, लेकिन फिर भी गायों की दुर्दशा खराब है। आईसीयू और बाड़ों में भले ही गायों को इलाज देने के पूरे प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन वहां गंदगी और संक्रमण के कारण वह सार्थक साबित नहीं हो रहे।
निगम प्रशासन की सच्चाई तब सामने आई जब मंगलवार को गौशाला के भीतर के बाड़ा नंबर 2 सी के चारा गोदाम को खोला गया। इसमें बहुत तेज दुर्गंध आ रही थी। चारा गोदाम का शटर ऊंचा करते ही दुर्गंध तेज हो गई।
इसमें पड़े प्लास्टिक के बोरों को बाहर निकाला गया तो सफाई करवाने वाले अफसर हैरत में रह गए। बोरों के भीतर गायों के शव नजर आए। बोरों में मरे हुए बछड़े ठूंसे गए थे, कई बोरों में से अब भी खून व मांस बाहर तक दिखाई देने लगा।
बाद में इन पर दवाई छिड़की गई और जेसीबी की सहायता से बोरों को दफन करने के लिए ले जाया गया। इसमें कई सारे मृत पशु भरे गए थे।