मुंबई। मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में किडनी कांड उजागर होने के बाद अस्पताल के सीईओ और 4 डॉक्टरों को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
राज्य सरकार ने मानव अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया में सुधार किए जाने की घोषणा की है। यह घोषणा करते हुए राज्य के वैद्यकीय शिक्षण मंत्री गिरीष महाजन ने कहा है कि हीरानंदानी अस्पताल में हुए किडनी कांड के आरोपियों को बक्शा नहीं जाएगा।
महाजन ने कहा कि इसके आगे अगर किसी भी तरह का मानव अंग प्रत्यारोपण करना होगा तो उसकी जांच पुलिस द्वारा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की समिति का गठन करने वाली है।
यह समिति मानव अंग प्रत्यारोपण के मामलों पर नजर रखने वाली है तथा उस समिति की ओर सकारात्मक उत्तर मिलने के बाद ही मानव अंग प्रत्यारोपण किए जा सकेंगे। महाजन ने मान्य किया कि इससे पहले हीरानंदानी अस्पताल में मानव अंग प्रत्यारोपण संबंधी बनाए गए कानून की अवहेलना की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य ही नहीं देश में मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए कठोर कानून बनाया गया है। इस कानून के तहत अस्पताल में ही मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए समिति का गठन किया जाता रहा है।
इस समिति द्वारा सही तरीके से काम न किए जाने की वजह से ही हीरानंदानी जैसी घटना हुई है। महाजन ने कहा कि इसके आगे मानव अंग प्रत्यारोपण की अनुमति पुलिस वेरीफिकेशन व निवृत्त न्यायाधीश की समिति की रिपोर्ट के बाद ही दी जाएगी।