हिसार। कैमरी गांव में पहले चर्च में तोडफोड़ और फिर वहीं हनुमान की प्रतिमा को खंडित करने के मामले में कैमरी गांव के सरपंच सतनारायण, अनेक ग्रामीणों के साथ प्रशासनिक अधिकारी से मिले और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। दूसरी तरफ अधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
ग्रामीणों का दावा है कि एक इसाई समुदाय से जुड़ा व्यक्ति गांव में चर्च बनाने का प्रयास कर रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि यहां आस-पास के किसी गांव में इसाई धर्म के परिवार नहीं रहते, तो वहां चर्च बनाने का क्या औचित्य है। ग्रामीणों का आरोप तो यहां तक है कि उक्त पादरी लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई बनाने की योजना में लगा रहा है।
गांव के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारी से इस मामले का संजीदगी से समाधान करने की अपील की है। वहीं ग्रामीणों ने हाल ही में गांव के कुछ लोगों पर सुभाष द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार और तर्कहीन बताया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने जिन लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है, वे उनको शक्ल से भी नहीं पहचानते लेकिन पुलिस को दी गयी शिकायत में उन्हें आरोपी बना दिया गया है।
फिलहाल पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मौके से खंडित हनुमान की प्रतिमा और राम का ध्वज सदर थाने में रखवा दिया है और पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
जानकारी में रहे कि हिसार के समीप गांव कैमरी में एक कलोनाइजर ने रिहायशी प्लाट काटे और उनमें से एक प्लाट पर कैथल के सुभाष पादरी ने भवन निर्माण पर क्रास का निशान लगा दिया और उसे चर्च का नाम दे दिया, जिसपर कैमरी गांव के सरपंच सहित अन्य लोगो ने आपत्ति की और 17 फरवरी को प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को लिखित शिकायत की लेकिन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही की।
इसके बाद ग्रामीणों ने अपना गुस्सा सुभाष द्वारा बनाये जा रहे कथित चर्च पर उतार दिया। पहले तो वहां तोड-फोड किया फिर उस मकान में भगवार हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर दी। इस मामले में पादरी सुभाष की शिकायत पर 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।