पटना। इस बार बिहार दिवस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। बिहार दिवस की तैयारी के मद्देनजर जहां सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं, वहीं में इस बार ‘सेक्सोफोन’ की आवाज भी सुनाई देगी।
सरकार ने बिहार की अस्मिता को बचाए रखने के लिए मनाए जा रहे बिहार दिवस कार्यक्रम में इसका खूब ख्याल किया है। सेक्सोफोन बजाने वाले कलाकार बिहार के नहीं, इटली के होंगे। सरकार ने इस पर अच्छा-खासा खर्च किया है। गिन्नी डेनिटो नामक संस्था को सेक्सोफोन बजाने के लिए हवाई यात्रा खर्च के रूप में पांच लाख रुपए दिए गए हैं। मानदेय और खाने-ठहराने पर कितना खर्च होगा, शिक्षा विभाग इसे गोपनीय बनाए हुए है।
दो दिवसीय यह कार्यक्रम 22 मार्च यानी मंगलवार से शुरू होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका उद्घाटन और राज्यपाल रामनाथ कोविन्द समापन करेंगे। पटना में कार्यक्रम के लिए गांधी मैदान, रविन्द्र भवन तथा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल का चयन किया गया है।
इस बार बिहार दिवस कार्यक्रम का बजट अब दो -तीन करोड़ से बढ़कर पांच करोड़ पर पहुंच गया है। लेजर शो, गुजराती डांस, छऊ नृत्य और राजस्थानी नृत्य तो बिहार के दर्शक पहले भी देख चुके हैं। सरकार ने जो तैयारी की है, उससे गांधी मैदान में भीड़ तो उमड़ेगी लेकिन बिहार की खुशबू से लोग महरूम रहेंगे।
बिहार और बिहारीपन का पुट समारोह में ढूंढे मिल पाएगा। सरकार ने छोटे से छोटे कलाकार को हवाई टिकट दिया है। ठहराने के लिए पटना के नामी-गिरामी होटलों को बुक किया है। सिर्फ हास्य कवि सम्मेलन की बात करें तो इस पर दस लाख रुपए खर्च किए गए हैं। बाहर से आने वाले सभी कवियों को हवाई टिकट दिया गया है। कवि सम्मेलन में 11 कवि बुलाए गए हैं। इनमें बिहार से सिर्फ एक कवि रविन्द्र राजहंस को लिया गया है। बाकी कवि यूपी, जयपुर, दिल्ली के हैं। मुशायरा का भी यही हाल है।
प्रदेश सरकार ने बिहार दिवस कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए निविदा से काम देने की व्यवस्था की थी। लेकिन विवाद इतना बढ़ा कि बिना टेंडर ही काम देना पड़ा। नतीजा यह हुआ कि फिर उन्हीं लोगों को मौका मिला जो पहले से काबिज थे।
शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम की जो रूपरेखा जारी की है उससे यह लगता है कि सरकार के कई विभाग समारोह से दरकिनार कर दिए गए हैं या उन्होंने खुद कन्नी काट ली है। सरकार के कृषि, श्रम, सूचना व जनसम्पर्क विभाग, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, उद्योग, वन व पर्यावरण विभाग के ही नाम हैं।
कार्यक्रम में सुनंदा शर्मा का ठुमरी-दादरा और अलका याज्ञनिक का कार्यक्रम लोगों को पसंद आएगा। बिहारी कलाकारों को सिर्फ नुक्कड़ करने की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्य कार्यक्रम से उन्हें बाहर कर दिया गया है।