नई दिल्ली। देश की सीमाओं पर सुरक्षा एवं चौकसी बढ़ाने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने हाईटेक निगरानी उपकरणों का प्रयोग शुरू किया है। इसके साथ ही सीमा पर कई तकनीकी उपकरणों की तैनाती के लिए पायलट परियोजनाओं को भी मंजूरी दे दी गई है ।
गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि केंद्र सरकार पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश से लगी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से होने वाले आतंकवादी हमले देश के लिए चिंता की बात है। केंद्र सरकार ने विभिन्न स्तर पर पाकिस्तान के साथ आतंकवाद का मुद्दा उठाया है और लगातार कहा है कि वह अपनी धरती से भारत के खिलाफ चलाई जा रही आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाए।
इसके साथ ही भारत ने हर बैठक में पाकिस्तान को अपने यहां से आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए भी कड़े कदम उठाने पर जोर दिया है।
रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीमा पर पाकिस्तान सैनिकों द्वारा लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने को देखते हुए पाक, चीन और बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई इंतजाम किए है।
आतंकवादियों को काबू में करने के लिए बहु-आयामी रणनीति बनाई गई हैं। इसमें क्षेत्र वर्चस्व, चौबीसों घंटे निगरानी एवं सीमाओं पर गश्त, सीमा चौकियों की स्थापना, सीमा सड़कों के निर्माण, खुफिया उन्नयन की स्थापना और स्थानीय जनता के साथ घनिष्ठ संपर्क शामिल है।
भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर चौकसी बाड़ और फ्लडलाइट लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। गृह राज्य मंत्री ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के सीमा चौकसी बलों के बीच नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। कई द्विपक्षिय वार्ता में सीमा पार मुद्दों को उठाया जाता है।
बांग्लादेश की सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वह अपनी धरती से किसी भी प्रकार के भारत विरोधी गतिविधियों को अनुमति नहीं देगी और कहा है कि वह आतंकवाद एवं चरमपंथ को बिलकुल सहन नहीं करेगी।
चीन के साथ रिश्तों पर राज्यसभा में बोलते हुए रिजिजू ने कहा कि भारत और चीन ने कई मौकों पर आतंकवाद और इसके प्रकारों की कड़ी निंदा की है। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत-चीन के बीच मौजूदा सहयोग में आतंकवाद पर जानकारियों का साझा करना और विचारों का आदान-प्रदान करना शामिल है।