भोपाल/गुना। 13 मार्च को होली है, लेकिन दो दिन पहले शनिवार से होलाष्टक शुरू हो गया है। इसके बाद होने पर खरमास की शुरूआत होगी। इससे 38 दिनों तक वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन सहित किसी भी तरह के शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी।
इसके बाद शुभ कार्यों की शुरूआत 16 अप्रैल से होगी। शहर में कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर में कुछ स्थानों पर लोगों ने होली की तैयारियां शुरू कर दी हैं और कुछ स्थानों पर लोग दो या तीन दिन पहले ही शुरू करते हैं।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी शनिवार से होलाष्टक शुरू हो गई हैं, जो 12 मार्च को होने वाली पूर्णिमा तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य पं. लखन शास्त्री ने बताया कि इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 12 मार्च को सूर्योदय से 8 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। इसलिए प्रषोध बाधित है।
गौधिल बेला शाम साढे 6 बजे से 7 बजे तक रहेगी, वही चौघडिया शुभ मुहूर्त में शाम 6 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट तक होलिका दहन करना शुभ रहेगा। इस दिन सर्वाथ सिद्धी योग और राज योग रहेगा इसलिए होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
आखिरकार होलाष्टक क्या है
ज्योतिषाचार्य पं. शास्त्री के अनुसार अष्टमी को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयादेशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र में रहता है। इसलिए इन आठ दिनो में मनुष्य का दिमाग सुख और दुख की आंकाशाओ में रहता है।
क्या होता है खरमास
पंडित के अनुसार सूर्य जब मीन राशि में प्रवेश करता है, तो उस अवधि को मिनार्क कहते है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य और गुरू का मेल नहीं है। इसलिए इस दौरान होने वाले मांगिलक कार्यों में विकृति आती है।
14 से होगा खरमास शुरू
होलिका अष्टक समाप्त होने के बाद 14 मार्च से खरमास शुरू होगा, जो 14 अप्रैल तक चलेगा। पंडित शास्त्री ने बताया कि होलाष्टक को सूतक की तरह माना जाता है। इस कारण गृहप्रवेश, विवाह, मंदिरो में प्राण प्रतिष्ठा और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते। खरमास शुरू होने से 15 अप्रैल के बाद ही वैवाहिक कार्यक्रम शुरू हो सकेंगे। इस प्रकार आज से 38 दिनों तक शुभ कार्यो पर विराम लगा रहेगा।