जोधपुर। होली के पर्व पर शहर के बाजारों में रंग, गुलाल और पिचकारियों की बहार आई हुई। बच्चें अभी से पिचकारियों से पानी उड़ेलने लगे हैं। शहर के प्रमुख बाजारों सहित गली मोहल्लों की दुकानों पर रंगों और पिचकारी की बिक्री शुरू हो गई है।
इस बार दुकानदार हर्बल, खुशबूदार तथा थ्रीडी गुलाल को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। इस बार शहरवासियों का रुझान पक्के, कांच व चाइना की बजाय आर्गेनिक कलर और शुद्ध गुलाल की ओर ज्यादा है। धुलंडी 12 मार्च को है।
थाली को उलटा करते ही पानी की बौछार, छोटा भीम और कालिया की जोड़ी धमाल मचाएगी। मोदी की जादू भरी पिचकारी करेगी रंगों की बौछार, मगरमच्छ भी मुंह से निकालेगा रंग… कुछ इस तरह की पिचकारियां बाजार में आई हैं।
बच्चों के पसंदीदा डॉरेमोन टैंक और मोबाइल फोन भी पिचकारी में देखे जाएंगे। बाजार में गन पिचकारियां भी मौजूद हैं। इस बार रंगों के त्योहार के लिए थ्रीडी कलर आए हैं। एक बार चेहरे पर लगाने के बाद तीन कलर से चेहरा चमकेगा। इनका त्वचा पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।
रंगीले राजस्थान की होली का अनोखा अंदाज और इसकी परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं, रंगों के त्यौहार इस रंगीले राजस्थान जोधपुर में अब फाग के रंगों के साथ होली की गैर निकलनी शुरू हो गई है।
रंगों के त्योहार के नजदीक आते ही मारवाड़ में होली की रंगत परवान चढ़ने लगी है। चंग की थाप रात के बजाय अब दिन भी सुनाई दे रही है। गैरिए दिन में चंग व झींझा बजाते हुए कर्णप्रिय फागण गीत गा रहे हैं।
मारवाड़ी वेशभूषा पहनकर बाजार में जब कुछ टोलिया चंग की थाप के साथ गाने लगी हैं, तब देखने व सुनने वाले लोग भी रोमांचित हुए बिना नहीं रहते। इन दिनों जोधपुर के पावटा, महामंदिर, मंडोर सहित कई क्षेत्रों में अलग-अलग गैरों के कार्यक्रम हो रहे हैं।
होली के अगले दिन मंडोर क्षेत्र में होने वाले रावजी की गैर के बड़े आयोजन को लेकर कई गैरें अभी से तैयारियों में जुटी हुई हैं। अच्छे प्रदर्शन के लिए अभ्यास किए जा रहे हैं। लोगों पर अनूठी छाप छोड़ने के लिए गैरियों के लिए आकर्षक वेशभूषाएं भी तैयार की जा रही हैं।