उदयपुर। कण-कण में शौर्य, साहस तथा माटी के लिए मर मिटने की गाथा समेटे गोगुन्दा की ऐतिहासिक धरा पर एक बार फिर राजस्थान के स्वाभिमान का सूरज चमक उठा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया तो लगा कि एक बार फिर गोगुन्दा की माटी से राजस्थान के विकास की पताका फहर रही हो।
राजनाथ सिंह तथा राजे ने महाराणा प्रताप की 475वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में उदयपुर जिले के गोगुन्दा में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण, महाराणा प्रताप राजतिलक गौण मंडी यार्ड के हैरिटेज प्रवेशद्वार एवं शेड का लोकार्पण तथा जनजाति विद्यार्थियों के लिए 12 करोड़ की लागत से बनने वाले एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया।
प्रताप की प्रेरणा से बनाएंगे समृद्ध और स्वाभिमानी राजस्थान
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने मेवाड़ के मान-सम्मान के लिए मुगलों से जमकर लोहा लिया और कभी उनकी अधीनता स्वीकार नहीं की। ऐसे महापुरूष के आदर्शों पर चलकर ही हम स्वाभिमानी और समृ़द्ध राजस्थान का निर्माण करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि राणा प्रताप का जिस तरह से झाला मन्ना, हकीम खां सूरी, भामाशाह तथा पूंजा भील ने समर्पण भाव के साथ सहयोग किया और मेवाड़ का स्वाभिमान कायम रखते हुए अपने राज्य का उत्थान किया, उसी तरह हम सब प्रदेशवासियों को मिलकर समर्पण भावना से काम करते हुए प्रदेश को तरक्की की राह पर आगे ले जाना है।
राजे ने कहा कि हमने राजस्थान के गौरवपूर्ण इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेश के ऐतिहासिक स्मारकों एवं धरोहरों के संरक्षण और धार्मिक स्थलों के विकास का कार्य किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि उदयपुर संभाग में कमेरी राजसमन्द में महाराणा राजसिंह और पन्नाधाय का पेनोरमा, डूंगरपुर के माण्डवा में कालीबाई का पैनोरमा, चित्तौडगढ में संत रैदास का पैनोरमा बनाया जायेगा तथा बांसवाडा के मानगढ धाम में राष्ट्रीय आदिवासी संग्रहालय बनाया जायेगा।
योजनाओं के नाम नहीं, प्रदेश के हालात बदल रहे हैं हम
राजे ने कहा कि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि हम उनकी योजनाओं के नाम बदल रहे हैं। शायद उन्हें पता नहीं योजनाएं उनकी नहीं जनता की होती है। हम योजनाएं नहीं प्रदेश के हालात बदल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने योजनाओं के नाम पर एक ही परिवार का नाम ऊंचा करने का काम किया, जबकि हमारी सरकार विकास के माध्यम से प्रदेश की जनता को उंचा उठाने का काम कर रही है।
उनकी योजनाएं प्रदेश को पिछड़ेपन की ओर ले जाने, गरीब को गरीब रखने और परिवार को परिवार से लड़ाने की थीं, हमारी योजनाएं जनता की भागीदारी से प्रदेश को तरक्की की राह पर ले जाने की हैं। यही फर्क है कांग्रेस की और हमारी सोच में।राजे ने कहा कि राजस्थान हर क्षेत्र में तरक्की की नई इबारत लिख रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान मानसून में करीब 3500 गांवों को जल स्वावलम्बी बनाएगा। आने वाले 30 जून तक अभियान के प्रथम चरण के काम पूरे कर लिये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में राशन की 5 हजार दुकानों को इस साल अन्नपूर्णा भण्डार के रूप में विकसित करेंगे, जिनसे गांवों में भी लोगों को अच्छी क्वालिटी की वस्तुएं किफायती दामों पर मिल सकें। आने वाले समय में हम प्रदेश की सभी 25 हजार राशन की दुकानों को अन्नपूर्णा भण्डार के रूप में बदलेंगे।
राजे ने लोगों के बरसों पुराने राजस्व विवादों को दूर करने के लिए चलाए जा रहे राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि अभियान के तहत इस साल अब तक साढ़े 14 लाख राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया गया है।
दो साल में इस कार्यक्रम के तहत राजस्व विवाद के 35 लाख प्रकरण दूर किये गये हैं इससे लोगों को भरपूर राहत मिली है तथा प्रदेश की करीब 115 ग्राम पंचायतें राजस्ववाद मुक्त हो गई हैं।
मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं की
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मजावद से उबेश्वर जी तक 10 करोड़ रुपए की लागत से 10 किमी. सड़क को मिसिंग लिंक के तहत जोड़ने, 3 करोड़ रुपये की लागत से करदा-रोहिड़ा पेयजल संवर्धन योजना तथा 4 करोड़ रुपए की लागत से पदराडा ग्रामीण पेयजल योजना तथा मानसी वाकल बांध से झाड़ोल के 30 गांवों-मजरों को पेयजल योजना से जोड़ने की घोषणा की।
साथ ही, उन्होंने ट्यूरिज्म सर्किट की मांग पर मेवाड़ कॉम्प्लेक्स के लिए 7 करोड़ रुपये गोगुन्दा के राजतिलक कॉम्पलेक्स के लिए 1 करोड़ 63 लाख रुपये तथा चावण्ड में महाराणा प्रताप के समाधि स्थल के विकास के लिए 65 लाख रुपये देने की भी घोषणा की।
इससे पहले गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे ने आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए लघु वन उपज को मण्डी अधिनियम में शामिल करने की घोषणा की थी, जिसका बहुत बड़ा लाभ क्षेत्र को मिला है। उन्होंने इस अवसर पर महाराणा प्रताप के त्याग और बलिदान का भी स्मरण किया।
जनजाति विकास मंत्री नन्दलाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे के नेतृत्व में विगत ढाई वर्षों में उदयपुर संभाग का एवं विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों का तेजी से विकास हुआ है। स्थानीय विधायक प्रताप लाल गमेती ने स्वागत उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री राजकुमार रिणवा, सांसद श्री अर्जुनलाल मीणा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी तथा आमजन उपस्थित थे।
महाराणा प्रताप संग्रहालय का अवलोकन किया
मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय गृह मंत्री ने इसके बाद हल्दीघाटी स्थित महाराणा प्रताप संग्रहालय का अवलोकन किया। उन्होंने संग्रहालय में महाराणा प्रताप के जीवन एवं व्यक्तित्व से जुड़ी अनमोल धरोहरों को गहनता से देखा और इनके संरक्षण के प्रयास की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की आन-बान और शान के प्रतीक महाराणा प्रताप का जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है।
इस अवसर पर उन्होंने महाराणा प्रताप स्मारक एवं चेतक समाधि पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किए। इस अवसर पर जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी, जनजाति विकास मंत्री नन्दलाल मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिखी प्रताप के जीवन की झांकी
केन्द्रीय गृह मंत्री एवं मुख्यमंत्री अन्त में सड़क मार्ग से राजसमन्द के ग्राम सेमा में स्थित महाराणा प्रताप स्टेडियम पहुंचे और यहां महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने प्रताप के जीवन और उनके व्यक्तित्व से जुड़ी प्रस्तुतियां देकर उनके साहस, शौर्य और वीरता को जीवन्त कर दिया। कलाकारों की मंत्र-मुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियों ने दर्शकों को प्रदेश के गौरव और स्वाभिमान का अहसास कराया।