नई दिल्ली। देश की आंतरिक सुरक्षा, युवाओं के भटकाव और अल्पसंख्यक समुदायों को परेशान करने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मौलवियों और सामाजिक नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।
गृह मंत्री के आवास पर हुई बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और परिसंघ अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों के अध्यक्ष कमल फारूकी भी मौजूद थे।
बैठक के बाद गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने यहां बताया कि अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताओं पर चर्चा के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मौलवियों और सामाजिक नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। बैठक में शामिल हुए मौलवियों ने कहा कि इस्लाम के नाम पर देश के युवा किसी भी दुष्प्रचार का शिकार नहीं बन रहे हैं।
साथ ही उन्होंने अल्संख्यक समुदायों के भीतर शांति, सुरक्षा और विश्वास पैदा करने के लिए राजग सरकार का आभार व्यक्त किया है। बैठक में धर्म के नाम पर किसी भी हिंसात्मक घटना और सीमा पार से आतंकवाद सहित हिंसक गतिविधियों की निंदा की है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि विश्व के सभी देशों की अपेक्षा भारत में रहने वाले मुस्लिम ज्यादा सुरक्षित हैं और आजादी से रहते हैं। बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने राजनाथ सिंह से मुस्लिम समुदायों का शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन के मुद्दे उठाए और केंद्र सरकार से मुस्लिमों के उत्थान के लिए सकारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया है।
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कमल फारूकी ने कहा कि गृह मंत्री के साथ आयोजित बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और देश में मौजूदा माहौल पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही उन सभी मुद्दों पर भी चर्चा की गई जो कि अल्पसंख्यक समुदायों को परेशान कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि देश के सभी मुस्लिम संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) और आतंकवाद के खिलाफ है और देश के लिए कुछ बलिदान करने के लिए तैयार हैं। बैठक में उन्होंने गृह मंत्री से हाल ही में पकड़े गए संदिग्धों की गिरफ्तारी को लेकर भी चिंता जताई गई क्योंकि 14 दिन जेल में बिताने के बाद वह बेकसूर साबित हुए। इस कारण उनका जीवन बर्बाद हो रहा है।
फारूकी ने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया है कि इन सभी गंभीर विषयों पर सरकार कार्रवाई करेगी और ऐसी बैठके भविष्य में भी आयोजित करती रहेगी।
बैठक में शामिल प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख शिया मौलवी मौलाना कल्बे जव्वाद, मुख्य अजमेर शरीफ दरगाह के चिश्ती मौलाना अब्दुल वाहिद हुसैन चिश्ती, जमात-उल-हिन्द के महासचिव नियाज फारूकी, महासचिव मौलाना इकबाल अहमद चिश्ती, दरगाह देवा शरीफ के चिश्ती मौलाना वामिक रफीक वारसी साहब, संसद मस्जिद के मुख्य इमाम जनाब मोहिबुल्ला नदवी, यमुनानगर स्थित हरियाणा इमाम संगठन के मौलाना मोहम्मद अलीम नदवी, मुस्लिम आर्थिक मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ एम.जे खान, परिसंघ अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों के अध्यक्ष कमल फारूकी और इंटरनेशनल इस्लामिक मामलों के विशेषज्ञ और पत्रकार कमार आगा शामिल थे।