उज्जैन। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह के रिश्तेदार और खरगौन एसपी अमितसिंह की पत्नि प्रज्ञा के साथ नागपंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर में एक महिला आरक्षक ने जमकर अभद्रता की।
कथित झूमाझटकी के समय जब प्रज्ञा ने अपना परिचय दिया कि वह खरगौन एसपी की पत्नी है तो महिला आरक्षक बोली, होगी तू एसपी की पत्नी, तुझसे जो बने बिगाड़ लेना मेरा ़ ़? हालात पूरे 24 घण्टे बेकाबू रहे।
आरक्षक भंवरलाल ने अपर कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी को जमकर गालियां दी तो कलेक्टर कविन्द्र कियावत के रिश्तेदारों के साथ अभद्रता की गई। बडऩगर एसडीएम को वाहन से उतरवाकर करीब आधा किलोमीटर पैदल चलवाया। एक पटवारी गिड़गिड़ाता रहा लेकिन आरक्षकों ने उसकी एक नहीं सुनी।
यह वाकये हैं नागपंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर परिक्षेत्र के। वर्ष में एक बार नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट दर्शन हेतु खुलते हंै। हर वर्ष करीब 2 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। दर्शन का क्रम पूरे 24 घण्टे चलता है। मंदिर के महात्म्य से प्रभावित होकर देशभर के श्रद्धालु आते हैं।
ऐसे ही दर्शन करने के लिए खरगौन के एसपी अमितसिंह अपनी पत्नि प्रज्ञा के साथ मंदिर पहुंचे। बतौर व्यवस्था उनके साथ एक पटवारी को भेजा गया, ताकि दर्शन में परेशानी न आए। जब ये दर्शन के लिए गए तो बकोल एसपी अमितसिंह एक महिला आरक्षक ने उनकी पत्नि प्रज्ञा के साथ कथित झूमाझटकी की। अभद्रता की।
जब प्रज्ञा ने कहा कि वे खरगौन एसपी की पत्नि है तो महिला आरक्षक ने झिडक़ते हुए कहा कि होगी तू एसपी की पत्नि, तुझसे जो बन पड़े बिगाड़ लेना मेरा। इधर पटवारी पुलिस के आगे गिड़गिड़ाता रहा लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई। आईपीएस अमित सिंह को यह जानकारी लगी तो उन्होनेे घटनाक्रम पर दु:ख जताते हुए कथित रूप से कहा: मुझे शर्म है कि मैं म.प्र. कैडर से आईपीएस हूं!
पूरे मंदिर परिसर से लेकर बाहर तक पुलिस का ऐसा खौफ बना रहा कि आम श्रद्धालु सहमे हुए कतार में अव्यवस्था का शिकार हुआ वहीं प्रशासनिक अधिकारी दुव्र्यवहार के शिकार हुए। हालात यह रहे कि बडऩगर एसडीएम रजनीश श्रीवास्तव को महाकाल मंदिर क्षेत्र में पुलिसकर्मियों ने उनके वाहन से उतार दिया और पहचानने से इंकार करते हुए पैदल जाने को मजबूर कर दिया।
इधर अपर कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी के साथ आरक्षक भंवरलाल ने न केवल झूमाझटकी की, बल्कि अश्लील गालियां भी दी। इसके चलते विवाद हुआ। वीआइपी गेट पर पुलिसवालों ने अपनी पसंद के भक्तों को दर्शन के लिए जाने दिया। अन्यों को बलपूर्वक रोका गया।
इन सभी अभद्रता को लेकर उज्जैन जिला पुलिस की कार्यशैली को लेकर प्रश्र उठ रहे हैं। आम नागरिकों के बीच चर्चा है कि सिंहस्थ-2016 में भीड़ नियंत्रण के साथ पूरे मेला क्षेत्र में करीब 2 से 5 करोड़ लोगों की सुरक्षा का दावा करनेवाली उज्जैन पुलिस क्या यह सब कर पाएगी?
उज्जैन पुलिस द्वारा लम्बे समय से सिंहस्थ पूर्व प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं। जिनकी ड्यूटी नागचंद्रेश्वर मंदिर दर्शन व्यवस्था में लगाई गई थी, क्या वे सभी प्रशिक्षित थे? क्या ऐसे महिला,पुरूष आरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होगी?