नई दिल्ली। निर्वासित बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती ने भारत में शरण मांगने के लिए गुरूवार को विदेश मंत्रालय को एक अर्जी दी जिसे गृहमंत्रालय भेज दिया गया हैं। बुगती बलूचिस्तान में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
कई बलूच नेता फिलहाल बलूचिस्तान, अफगानिस्तान और कुछ अन्य देशों में रह रहे हैं। बुगती ने बुधवार को जिनेवा में कहा था कि मैं भारतीय दूतावास गया और भारतीय अधिकारियों से शरण के बारे में बातचीत की। मैं आश्वस्त हूं कि कुछ सकारात्मक नतीजा आएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अपनी शरण के लिए जरूरी दस्तावेज दाखिल किए हैं तो बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर खान बुगती के पौत्र ने विवरणों को साझा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि मामला बेहद संवेदनशील है।
उन्होंने कहा था कि बलूच आंदोलन को भारत का समर्थन बलूचिस्तान के लोगों के लिए काफी मायने रखता है और बैठक में समूचे मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाने के लिए शुक्रगुजार हूं। यह बेहद अच्छा कदम है। हमें उम्मीद है कि भारत का समर्थन जारी रहेगा।
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